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वरिष्ठ भाजपा नेता, समाजसेवी व सफल व्यवसायी महावीर प्रसाद अग्रवाल नहीं रहे — क्षेत्र में शोक की लहर*

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित जैंतगढ़ और आसपास के क्षेत्र के लिए बृहस्पतिवार की रात एक गहरी पीड़ा लेकर आई। प्रख्यात समाजसेवी, वरिष्ठ भाजपा नेता एवं सफल व्यवसायी महावीर प्रसाद अग्रवाल (उम्र लगभग 72 वर्ष) का बीते रात करीब 9:30 बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और बेहतर इलाज के लिए उन्हें कटक ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनका हृदय गति रुकने के कारण निधन हो गया।

उनकी मृत्यु की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। अग्रवाल जी एक लोकप्रिय जनसेवी और कर्मठ राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में अपनी अलग पहचान रखते थे। उन्होंने हमेशा सामाजिक कार्यों को प्राथमिकता दी और हर वर्ग के लोगों के साथ आत्मीय संबंध बनाए रखा।

वे अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं — जिनमें पत्नी, दो बेटे, दो बेटियां, नाती-पोते शामिल हैं। उनके निधन से न सिर्फ उनके परिवार में, बल्कि समूचे समाज और राजनीतिक हलकों में शोक की गहरी छाया व्याप्त हो गई है।

आज सुबह जैसे ही यह दुखद समाचार फैला, लोगों का तांता उनके आवास पर लग गया। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा एवं पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई सहित कई राजनीतिक व सामाजिक हस्तियां उपस्थित होकर शोक संतप्त परिवार से मिलकर संवेदना व्यक्त कीं।

पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा, “महावीर जी का जाना न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। वे हर परिस्थिति में समाज के साथ खड़े रहते थे। उनकी कमी हमें हमेशा खलेगी।”

पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “मैं उन्हें वर्षों से जानती थी। वे एक समर्पित जनसेवक थे। उन्होंने हर अवसर पर जनता का साथ दिया, उनके सुख-दुख में भागीदार बने। उनका निधन अत्यंत दुखद है।”

पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने भावुक होकर कहा, “मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानता था। उनका जोश, समर्पण और जनसेवा के प्रति उनका जज्बा अविस्मरणीय है। उनके निधन से भाजपा परिवार और पूरे जैंतगढ़ क्षेत्र को भारी क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल दे।”

महावीर प्रसाद अग्रवाल के अंतिम दर्शन के लिए भाजपा सहित विभिन्न दलों के कार्यकर्ता, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और हजारों की संख्या में आमजन जुटे। उनका जाना एक युग का अंत जैसा महसूस हो रहा है।

समाज और राजनीति के हर स्तर पर उनकी सेवाओं को सदैव स्मरण किया जाएगा।

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