बड़ाजामदा सत्संग विहार में मासिक सत्संग सम्पन्न, ‘इष्ट वृति’ को बताया गया अकाल मृत्यु से मुक्ति का साधन

न्यूज़ लहर संवाददाता
गुवा:बड़ाजामदा सत्संग विहार में भव्य रूप से मासिक सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें गुवा, नोवामुंडी, बड़ाजामदा सहित आसपास के क्षेत्रों से लगभग 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में भक्ति, दर्शन और आध्यात्मिक चर्चा का संगम देखने को मिला। सत्संग के दौरान वक्ताओं ने ठाकुर श्री श्री अनुकूल चंद्र जी के सिद्धांतों और वचनों को आत्मसात करने का संदेश दिया।
मुख्य वक्ता सुबोध बड़ाईक ने ‘इष्ट वृति’ को महायज्ञ बताते हुए कहा कि, “हर महीने जो श्रद्धा से इष्ट वृति अर्पित करता है, उसे कभी भी अकाल मृत्यु का भय नहीं होता। यह सच्चे धर्म पालन का मार्ग है। समय पर और नियमित इष्ट वृति देना आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक है।” उन्होंने सत्संग को एक विशाल शोध प्रयोगशाला बताते हुए कहा कि समाज को धर्म, करुणा और सहयोग की भावना से जीना चाहिए।
कार्यक्रम में ऋत्विक वक्ता अमरनाथ ठाकुर ने ठाकुर अनुकूल चंद्र जी के दिव्य जीवन और विचारों को रखते हुए कहा कि प्रभु लीला का दर्शन अनंत जन्मों के पुण्य का फल है। उन्होंने बताया कि ठाकुर जी ने मानव जीवन के रहस्य और वंशवृद्धि के सिद्धांतों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बताया है।
पूर्व मुखिया कपिलेश्वर दोंगो ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए ठाकुर जी के आदर्शों पर चलने, जनकल्याण के लिए सदैव तत्पर रहने और मानवीय गुणों के विकास की प्रेरणा दी।
सत्संग कार्यक्रम में भजन-कीर्तन, धर्मसभा, मातृ सम्मेलन और भंडारा का आयोजन भी किया गया। संगीत मंडली का नेतृत्व अनिल दास और मनमोहन चौबे ने किया, जिनकी मधुर प्रस्तुति पर श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमते नजर आए।