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दिरी दुल सुनुम” कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सह भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने नम आंखों से माता स्व. सपानी सिंकु को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित कुमारडुंगी प्रखंड के ग्राम मारांदा में आज एक अत्यंत भावुक वातावरण में “दिरी दुल सुनुम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम झारखंड के आदिवासी हो समाज की परंपराओं और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के अनुसार स्वर्गीय सपानी सिंकु, पत्नी स्व. कृष्ण सिंकु की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए आयोजित किया गया।

इस अवसर पर झारखंड भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई के प्रतिनिधि के रूप में उनके भाई सुशील सिंकु ने सपरिवार कार्यक्रम में भाग लेकर दिवंगत माता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि “स्व. सपानी सिंकु न केवल एक आदर्श मातृशक्ति थीं, बल्कि ग्राम व समाज के लिए भी प्रेरणा स्वरूप थीं। उनका जीवन सादगी, संस्कार और समाज सेवा की मिसाल है। आज हम सब उन्हें याद कर भावुक हैं, लेकिन हमें विश्वास है कि मरंगबुरु उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान देंगे।”

दिरी दुल सुनुम, हो समाज की पारंपरिक सांस्कृतिक विधि है, जिसमें दिवंगत आत्मा को अंतिम विदाई देने के साथ ही परिवार और समाज द्वारा उन्हें आध्यात्मिक सम्मान प्रदान किया जाता है। इस रस्म में पारंपरिक गीत-संगीत, धार्मिक अनुष्ठान, व रीतियों के अनुसार भोज एवं समुदायिक सहभागिता होती है।

कार्यक्रम के दौरान गांव के बुजुर्गों, समाज के गणमान्य लोगों और परिवारजनों ने स्वर्गीय सपानी सिंकु के जीवन और उनके योगदान को याद करते हुए उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। ग्रामीणों ने कहा कि उनकी ममतामयी उपस्थिति हमेशा याद की जाएगी।

श्रद्धांजलि सभा के अंत में सभी ने मौन धारण कर स्वर्गीय आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और पारंपरिक रीति के अनुसार चावल, जल और पुष्प अर्पित किए गए। पूरा गांव एकात्म भाव से इस श्रद्धांजलि समारोह में सम्मिलित हुआ, जो इस बात का प्रमाण था कि स्व. सपानी सिंकु समाज के लिए कितनी महत्वपूर्ण थीं।

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