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सदर अस्पताल में मरीजों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता पर उठे सवाल, प्रदेश भाजपा नेता ने उपायुक्त से की शिकायत* *भोजन मीनू के अनुरूप न मिलने की शिकायत, दही और अंडा की आपूर्ति में गड़बड़ी का आरोप*

 

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिला स्थित चाईबासा के सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता और आपूर्ति को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए भोजन व्यवस्था की अनियमितताओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

केशरी ने बताया कि राज्य सरकार प्रति मरीज प्रतिदिन सौ रुपये की दर से तीन समय का भोजन उपलब्ध कराती है, जिसके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रतिदिन निर्धारित मीनू के अनुसार खाना देने का प्रावधान है। लेकिन वास्तविकता इससे उलट है।

उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को उनके द्वारा अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया, जहां मीनू के अनुसार भात, दाल, पनीर की सब्जी और दही दिया जाना था, लेकिन सब्जी में केवल थोड़ी मात्रा में पनीर दिखा, और दही तो पूरी तरह अनुपस्थित था। जब इस पर संबंधित केटरर से पूछा गया तो उन्होंने इसे “गलती” बताते हुए सुधार की बात कही।

इसी तरह, दोबारा 4 मई को अस्पताल जाने पर ICU कक्ष में भर्ती मरीजों के परिजनों से जानकारी मिली कि सुबह के नाश्ते में अंडा नियमित रूप से नहीं दिया जा रहा है, और दही भी कई दिनों से गायब है। अस्पताल प्रबंधक से बात करने पर उन्होंने सारा जिम्मा केटरर पर डाल दिया।

*भोजन से खिलवाड़ को बताया गंभीर लापरवाही*

हेमन्त केशरी ने कहा कि सदर अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और उनकी सेहत भोजन पर भी निर्भर करती है। यदि राज्य सरकार द्वारा भोजन के लिए पूरा बजट जारी किया जा रहा है, तो फिर निर्धारित मीनू के अनुसार भोजन क्यों नहीं दिया जा रहा? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मरीजों के साथ इस तरह का व्यवहार मानवीय है?

उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की गंभीर जांच कर दोषी केटरर और लापरवाह सरकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो।

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