एमजीएम अस्पताल हादसा: तीन मौतों पर गरजे बड़कुंवर गागराई, कहा- यह लापरवाही नहीं, हत्या है*

चाईबासा: एमजीएम अस्पताल परिसर में जर्जर आवास के ढहने से तीन असहाय लोगों की दर्दनाक मौत के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए झारखंड सरकार और विशेष रूप से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और असंवेदनशीलता का भयावह उदाहरण बताया।
श्री गागराई ने कहा कि यह केवल इमारत का गिरना नहीं, बल्कि व्यवस्था की जिम्मेदारियों का ढहना है। उन्होंने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “जो सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की बात करती है, वह तीन गरीब जिंदगियों की रक्षा तक नहीं कर पाई। यह दर्शाता है कि आम लोगों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकताओं में नहीं है।”
उन्होंने मुआवजा राशि पर भी सवाल उठाए। “₹50,000 या ₹1 लाख की राशि क्या किसी की जान लौटा सकती है? यह तो केवल दिखावटी औपचारिकता है, न्याय नहीं,” उन्होंने कहा। श्री गागराई ने बताया कि अस्पताल परिसर में होमगार्ड के जवान तैनात होते हैं, इसके बावजूद जर्जर भवन के आसपास कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया गया। यह स्पष्ट करता है कि प्रशासन ने आंखें मूंद रखी थीं।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि शहर में कई बेघर और बेसहारा लोग ऐसे खतरनाक मकानों में मजबूरी में रहते हैं। “क्या सरकार किसी और मौत का इंतजार कर रही है?” उन्होंने सवाल किया। गागराई ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे जनआंदोलन छेड़ेंगे।
उन्होंने अंत में सरकार से मांग की कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और पीड़ित परिवारों को न्याय मिले। “इन मासूम जिंदगियों का मूल्य सिर्फ मुआवजे से नहीं, बल्कि जवाबदेही से तय होगा,” उन्होंने भावुक होकर कहा।