एनसीपी की बैठक में जातिगत जनगणना पर उठी अहम मांगें

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर।आज मानगो में एनसीपी (नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी) की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित आगामी जातिगत जनगणना को लेकर गंभीर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता एनसीपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता डॉ. पवन पांडेय ने की। इस अवसर पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
बैठक में डॉ. पवन पांडेय ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है, जहां लगभग 20 हजार भाषाएं बोली जाती हैं और करीब 4 हजार जातियां एवं उपजातियां निवास करती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि संविधान की पहली प्राथमिकता सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देना और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना है। डॉ. पांडेय ने कहा कि विकास की दौड़ में कोई भी समुदाय पीछे न रह जाए, इसके लिए संविधान ने सभी के लिए विशेष व्यवस्थाएं बनाई हैं।
डॉ. पांडेय ने बताया कि आजादी के बाद यह पहली बार है जब किसी सरकार द्वारा देश में जातिगत जनगणना कराई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग की सही गणना कर उन्हें संविधान में निहित अधिकार और शक्तियां प्रदान करना है। हालांकि, उन्होंने इस प्रक्रिया से जुड़ी एक बड़ी समस्या की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि झारखंड में ऐसे कई लोग हैं, जिनके पूर्वज रोजगार की तलाश में बिहार से आकर यहां बस गए थे, लेकिन आज तक उन्हें झारखंडी नहीं माना गया है। प्रमाण-पत्र के अभाव में वे सामान्य श्रेणी में रख दिए गए हैं, जिससे वे अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित हो गए हैं।
एनसीपी युवा मोर्चा की ओर से यह मांग की गई कि केंद्र और राज्य सरकारें झारखंड में जातिगत जनगणना शुरू करने से पहले उन सभी लोगों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करें, जो वर्षों से यहां रह रहे हैं लेकिन दस्तावेजों के अभाव में पिछड़ गए हैं। डॉ. पांडेय ने चेतावनी दी कि जब तक सभी पात्र लोगों को प्रमाण-पत्र जारी नहीं हो जाते, तब तक जातिगत जनगणना की प्रक्रिया को स्थगित किया जाए। यदि सरकार ने इस मांग की अनदेखी की, तो एनसीपी युवा मोर्चा पूरे राज्य में आंदोलन छेड़ेगी और एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग के ऐसे लोगों को संगठित कर जनगणना प्रक्रिया का विरोध करेगी।
बैठक में अनवर हुसैन, मोहम्मद रिजवान, तेजपाल सिंह टोनी, मनोज मलहान, ललित ढिंगरा और नागा यादव सहित कई प्रमुख नेता उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि सामाजिक न्याय और समानता के लिए यह लड़ाई जारी रहेगी और जरूरत पड़ी तो बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा।
बैठक के अंत में पार्टी ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की कि जातिगत जनगणना को पूरी पारदर्शिता और न्याय के साथ संपन्न कराया जाए, ताकि देश के सभी वर्गों को उनका हक मिल सके।