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पश्चिमी सिंहभूम के पी.एम. श्री विद्यालयों में फंड के दुरुपयोग का आरोप, केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भेजा गया ज्ञापन* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के पी.एम. श्री योजना के तहत चयनित 20 विद्यालयों में छात्रों के समग्र विकास हेतु मार्च माह के अंतिम सप्ताह में भेजी गई लगभग 2 करोड़ रुपये की राशि के उपयोग में अनियमितता का गंभीर आरोप सामने आया है। इस संबंध में भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा, झारखंड प्रदेश के प्रदेश मंत्री हेमंत कुमार केशरी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र भेजकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

 

हेमंत केशरी ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि इन विद्यालयों में स्वास्थ्य शिविर, छात्र सम्मेलन, हर्बल गार्डन, सामुदायिक गतिविधियों और शैक्षणिक भ्रमण जैसे कार्यक्रमों के लिए दी गई राशि का उपयोग बिना किसी वैधानिक निविदा प्रक्रिया के मनचाहे वेंडरों के माध्यम से कर लिया गया। कार्यों को गुपचुप तरीके से अंजाम दिए जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से जानकारी मांगने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, जबकि शिक्षा परियोजना के एडीपीओ ने अनभिज्ञता जाहिर कर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

 

उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में 29 अप्रैल को उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम को पत्र देकर मामले की जांच कराने का अनुरोध किया गया था, लेकिन अभी तक कोई जांच प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया गया है।

 

केशरी ने इस बात पर चिंता जताई कि झारखंड के अन्य जिलों से भी पी.एम. श्री विद्यालयों की राशि के दुरुपयोग की खबरें अखबारों में प्रकाशित हो रही हैं, लेकिन राज्य शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

 

उन्होंने अपने पत्र में आग्रह किया कि प्रधानमंत्री द्वारा छात्रों के समग्र विकास हेतु शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ छात्रों तक पहुंचे, इसके लिए केंद्र सरकार हस्तक्षेप करे और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। अन्यथा यह राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकती है।

 

प्रतिलिपि: इस पत्र की एक प्रति झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक को भी सूचनार्थ भेजी गई है।

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