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आदिवासी आवाज को मिला डिजिटल मंच, चाईबासा में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: आदिवासी समुदाय की समृद्ध संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और पर्यावरणीय अनुभवों को डिजिटल मंच पर सशक्त आवाज देने के उद्देश्य से “आदिवासी लाइव्स मैटर” द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन टी.आर.टी.सी., गुइरा, चाईबासा में 5 मई से 9 मई 2025 तक किया गया।

 

इस विशेष प्रशिक्षण में आदिवासी समुदाय के प्रतिभागियों को लेखन, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, सोशल मीडिया कंटेंट निर्माण एवं डिजिटल उपस्थिति को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने की व्यावहारिक और तकनीकी जानकारी दी गई।

 

*डिजिटल माध्यम से सशक्त होगी आदिवासी पहचान*

 

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी युवाओं को डिजिटल साक्षरता से लैस करना, उन्हें अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और दुनिया तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना था। इस दौरान प्रतिभागियों ने कहानी कहने की कला, दृश्य माध्यमों के उपयोग और सोशल मीडिया के लिए आकर्षक व प्रभावी सामग्री निर्माण के गुर सीखे।

 

*पर्यावरण संरक्षण और संस्कृति संवर्धन पर रहा विशेष फोकस*

 

प्रशिक्षण के केंद्र में न केवल डिजिटल कौशल था, बल्कि पर्यावरणीय चेतना, स्थानीय पारंपरिक ज्ञान की महत्ता, और संवेदनशील सामाजिक मुद्दों को भी प्रमुखता दी गई। प्रशिक्षकों ने बताया कि डिजिटल युग में आदिवासी समुदाय की अस्मिता और अनुभवों को दस्तावेज़ करना समय की मांग है, ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन सके।

 

इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि आदिवासी समाज अब सिर्फ जंगलों और परंपराओं तक सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल युग में कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है, अपनी बात कहने और अपनी पहचान को सशक्त रूप से स्थापित करने के लिए।

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