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कर्ज के बोझ तले दबे हावड़ा के एक ही परिवार के तीन लोगों ने की सामूहिक आत्महत्या

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

हावड़ा।पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां कर्ज के बोझ और आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। यह घटना शनिवार देर शाम डोमजूर थाना अंतर्गत बांकाड़ा के सरतपल्ली इलाके में घटी। मृतकों की पहचान 65 वर्षीय शेफाली घोरुई, उनकी 45 वर्षीय बेटी संगीता घोरुई और 42 वर्षीय बेटे शुभमय घोरुई के रूप में हुई है।

 

पुलिस के अनुसार, शुभमय घोरुई पीडब्ल्यूडी विभाग में संविदा कर्मचारी थे और उन्होंने कई जगहों से ऋण ले रखा था। लगातार लेनदारों के दबाव और पैसे चुकाने में असमर्थता के कारण शुभमय मानसिक तनाव में थे। शनिवार दोपहर को भी एक लेनदार पैसे मांगने उनके घर पहुंचा, लेकिन दरवाजा बंद मिला। पूरे दिन घर का दरवाजा नहीं खुला, जिससे पड़ोसियों को शक हुआ। शाम को पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा तो घर के अंदर तीनों के शव जमीन पर पड़े मिले।

 

मृतकों की रिश्तेदार श्यामली पात्रा ने बताया कि वह रोजाना फोन पर परिवार से बात करती थीं। शनिवार सुबह जब फोन पर कोई जवाब नहीं मिला, तो वह अपने बेटे के साथ घर पहुंचीं। दरवाजा बंद देखकर उन्होंने कई बार आवाज लगाई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। तब उन्होंने पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर घर के अंदर प्रवेश किया और तीनों को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

 

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि तीनों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की है। हालांकि, मौत के सही कारण का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

यह घटना कर्ज के दबाव और आर्थिक तंगी के कारण परिवारों पर पड़ने वाले मानसिक प्रभाव की गंभीरता को उजागर करती है। स्थानीय लोगों और पड़ोसियों के अनुसार, शुभमय पर कई जगहों से कर्ज था और लेनदार लगातार पैसे की मांग कर रहे थे, जिससे पूरा परिवार तनाव में था। मृतकों में संगीता घोरुई अविवाहित और विकलांग थीं, जिससे परिवार की जिम्मेदारी और बढ़ गई थी।

 

फिलहाल पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।

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