Health

निजी अस्पतालों में बिल के कारण शव रोके जाने की प्रथा पर लगाम: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश पर झारखंड में लागू हुआ मानवीय निर्णय*   *बीजेपी नेता हेमन्त कुमार केशरी ने जताया केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा का आभार* 

 

 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: झारखंड में अब निजी अस्पताल किसी मृत मरीज के परिजनों से बिल वसूली के लिए शव को रोक नहीं सकेंगे। यह मानवीय निर्णय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा “क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट” और “पेशेंट राइट्स एंड रिस्पॉन्सिबिलिटी चार्टर” के तहत लिया गया है, जिसके तहत मरीज की मृत्यु के पश्चात उसका शव परिजनों को शीघ्र एवं सम्मानपूर्वक सौंपे जाने का निर्देश दिया गया है।

 

इस निर्णय के लागू होने के बाद झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को स्पष्ट आदेश निर्गत कर दिए हैं कि किसी भी परिस्थिति में अस्पताल मृत शरीर को बकाया बिल के कारण रोके नहीं। यह निर्णय न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानवीय संवेदना की दृष्टि से भी अत्यंत सराहनीय है।

 

भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने इस निर्णय के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा का हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश उन सैकड़ों परिवारों के लिए राहत लेकर आया है जो अपनों को खोने के गम में होते हुए भी शव के लिए अस्पतालों में आर्थिक दबाव और मानसिक प्रताड़ना झेलने को मजबूर होते थे।

 

उन्होंने झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस फैसले को राज्य में लागू कर संवेदनशीलता और प्रशासनिक तत्परता का परिचय दिया गया है। यह कदम स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में मानवीयता को मजबूत करेगा और निजी अस्पतालों की मनमानी पर नियंत्रण लाने में सहायक सिद्ध होगा।

 

श्री केशरी ने उम्मीद जताई कि यह आदेश पूरे देश में प्रभावी रूप से लागू हो और सभी राज्य सरकारें इस दिशा में ठोस कदम उठाएं ताकि भविष्य में कोई भी परिवार अपने मृत परिजन के शव के लिए असहाय न हो।

Related Posts