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पासुबेड़ा गांव में मां शीतला एवं ग्राम देव की 136वीं वार्षिक पूजा धूमधाम से संपन्न*   *निषाद समाज की परंपरा, आस्था और समृद्धि की कामना का केंद्र बना प्राचीन शीतला मंडप* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के तांतनगर प्रखंड अंतर्गत पासुबेड़ा गांव में रविवार को निषाद समाज द्वारा आयोजित मां शीतला और ग्राम देव की 136वीं वार्षिक पूजा परंपरा और श्रद्धा के साथ संपन्न हुई। यह ऐतिहासिक पूजा तीन दिवसीय उत्सव के रूप में मनाई जाती है, जिसमें गांववासी ही नहीं, दूर-दराज से आए श्रद्धालु भी भाग लेते हैं।

इस अवसर पर ग्राम के प्राचीन शीतला मंडप में मां शीतला और ग्राम देव बाबा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। पूजा स्थल का ऐतिहासिक महत्व है, जिसे आदिकाल से निषाद समाज द्वारा संरक्षित और पूजित किया जा रहा है। लोगों की मान्यता है कि मां शीतला की आराधना से गांव में सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है। साथ ही, गर्मी के मौसम में फैलने वाली बीमारियों से भी रक्षा होती है।

पूजा महोत्सव के दौरान भव्य कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसमें भीख मंगाई, माता का जागरण, और शीतला मंडप में विशेष पूजा प्रमुख रहे। समापन दिवस पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं के बीच शरबत, ठंडा पानी, प्रसाद, चॉकलेट और खिचड़ी का वितरण किया गया। भंडारा आयोजन में चंदू निषाद ने विशेष योगदान देते हुए भोग एवं शरबत की व्यवस्था की।

पूजा को सफल बनाने में निषाद समाज के दर्जनों लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रमुख सहयोगकर्ताओं में श्यामलाल निषाद, बांकु निषाद, विश्वनाथ निषाद, महेंद्र निषाद, वासुदेव निषाद, पुजारी अनिल निषाद, राहुल निषाद, नरसिंह निषाद, पप्पू निषाद, राजू निषाद, हेमराज निषाद, और सुरेश निषाद समेत अनेक युवा और महिलाएं शामिल रहीं। शकुंतला देवी, विमला देवी, फूलन देवी, रानी निषाद, और गुड़िया निषाद सहित महिला सहयोग भी उल्लेखनीय रहा।

 

इस धार्मिक आयोजन ने न केवल सामाजिक एकता को मजबूती दी, बल्कि लोक संस्कृति और परंपरा को भी जीवित बनाए रखने का संदेश दिया। मां शीतला की जयघोष से गूंजते मंडप में भक्तों की आस्था देखते ही बन रही थी।

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