वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र के लोमचाची जंगल में बड़े पैमाने पर अवैध खनन

न्यूज़ लहर संवाददाता
कोडरमा। कोडरमा थाना अंतर्गत वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र के अंतर्गत लोमचाची जंगल जहां किसी भी प्रकार की खनन गतिविधि पूर्णतः प्रतिबंधित है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, लंबे समय से इस क्षेत्र में अवैध रूप से माइका खनन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है कहा जा रहा है कि यह अवैध खनन कथित रूप से कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है, जिससे प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठ रहे हैं। ज्ञात हो कि गत दिनों यहां चाल घंसने चार लोग दब गए थे जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी जबकि तीन लोग किसी तरह बाहर निकले। इस बाबत प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खदान के अचानक धंसने में मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई थी। घटना के बाद मृतक की पहचान हो गई थी पर उसके परिजन, वन विभाग व थाना इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे है। जबकि वन विभाग के रेंज़र तो फोन भी नहीं उठा रहे है। जबकि थाना के प्रभारी थाना प्रभारी ने मौत की खबर के बारे में होने की बात स्वीकार की पर वही की घटना के बाबत पुस्टि परिजनों के द्वारा नहीं करने की बात कही। घटना ने एक बार फिर अवैध खनन की बढ़ती गतिविधियों और प्रशासनिक उदासीनता को उजागर कर दिया है। कोडरमा वन क्षेत्र में वर्षों से अवैध खदाने सक्रिय हैं, लेकिन इनके खिलाफ अब तक ठोस और कारगर कार्रवाई नहीं हो सकी है। नतीजतन, न केवल श्रमिकों की जान को खतरा बना रहता है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान पहुंच रहा है। हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और वन्य जीवों के निवास स्थान का विनाश इस क्षेत्र की पारिस्थितिकी को खतरे में डाल रहा है। स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
तीन पर मामला दर्ज
इधर शुक्रवार की घटना के बाद लोकाई के चमारी साव, इंदरवा के विनोद साव और कोछा सिंह के खिलाफ अवैध खनन का मामला दर्ज किया गया है।