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युद्ध कोई खेल नहीं, बल्कि मानवता पर संकट है: दुवारिका शर्मा* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: युद्ध की विभीषिका और उसके विनाशकारी परिणामों को लेकर भाजपा नेता एवं आईटी सेल संयोजक दुवारिका शर्मा ने गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में युद्ध को लेकर जिस प्रकार की लापरवाहीपूर्ण मानसिकता देखी जा रही है, वह बेहद खतरनाक है।

 

“युद्ध कोई वीडियो गेम नहीं है जिसे एक बटन दबाकर जीता जा सके। यह एक भयावह हकीकत है, जिसमें करोड़ों लोगों का जीवन दांव पर लग जाता है,” शर्मा ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि युद्ध के दौरान केवल गोली-बम से नहीं, बल्कि भूख, प्यास और बीमारियों से भी लोग असहनीय पीड़ा झेलते हैं।

 

शर्मा ने स्पष्ट किया कि युद्ध की शुरुआत की तारीख भले तय की जा सके, लेकिन उसका अंत अनिश्चित होता है। “आज जो देश हमारे साथ खड़े दिखाई देते हैं, वही कल विपरीत भूमिका में भी दिख सकते हैं। 1971 में अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति रुख इसका उदाहरण है,” उन्होंने कहा।

 

युद्ध के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा:

 

1. युद्ध के कारण देश की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है।

 

 

2. विकास की गति थम जाती है।

 

 

3. भुखमरी और गरीबी बढ़ जाती है।

 

 

4. लोग अपने परिवारों से बिछड़ जाते हैं।

 

 

5. युद्ध समाप्ति के बाद पुनर्निर्माण में वर्षों लगते हैं।

 

 

6. किसी भी पक्ष की पूर्ण विजय संभव नहीं होती – दोनों देशों को भारी क्षति उठानी पड़ती है।

 

 

शर्मा ने दोहराया कि भाजपा का दृष्टिकोण सदैव निष्पक्ष रहा है। “हम न पक्ष लेते हैं, न विपक्ष; हम केवल सत्य और राष्ट्रहित की बात करते हैं,” उन्होंने कहा।

 

अंत में उन्होंने देशवासियों से अपील की कि राष्ट्र को युद्ध की ओर नहीं, बल्कि शांति, संवाद और कूटनीति की ओर ले जाना चाहिए। “युद्ध से किसी समस्या का समाधान नहीं होता, यह केवल विनाश लाता है। हमें हर हाल में इसे टालना चाहिए,” शर्मा ने कहा।

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