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भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर कांग्रेस का केंद्र पर हमला, इंदिरा गांधी के नेतृत्व को किया याद* 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम सिंहभूम जिला कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को चाईबासा स्थित कांग्रेस भवन में एक विशेष बैठक कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व को याद किया। कांग्रेस नेताओं ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अमेरिका के दबाव के बावजूद लिए गए उनके मजबूत निर्णयों की सराहना की। साथ ही उन्होंने भारत-पाक गतिरोध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की आलोचना करते हुए इसे देश की संप्रभुता के खिलाफ बताया।

 

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 1971 में जब अमेरिका ने भारत पर दबाव बनाया और सातवां बेड़ा भेजने की धमकी दी, तब भी इंदिरा गांधी अपने फैसले पर अडिग रहीं और भारत के राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखा। उनके मजबूत नेतृत्व के कारण ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ और पाकिस्तान को विभाजन का सामना करना पड़ा।

 

नेताओं ने कहा कि अमेरिका की हालिया मध्यस्थता की कोशिशें शिमला समझौते की भावना के विरुद्ध हैं, जिसमें यह स्पष्ट था कि भारत और पाकिस्तान अपने सभी मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएंगे और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी।

 

कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में महासचिव लियोनार्ड बोदरा, प्रवक्ता त्रिशानु राय, नगर अध्यक्ष मोहम्मद सलीम, प्रखंड अध्यक्ष दिकु सावैयां, सकारी दोंगो, राम सिंह सावैयां, अशोक सुंडी, गोपी बोदरा, अशोक मुंडरी, सोमाय सुंडी, सुशील दास, मिल्टन सुंडी सहित कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता उपस्थित थे।

 

सभी ने एक स्वर में कहा कि आज के नेतृत्व को इंदिरा गांधी से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुके बिना देश की संप्रभुता और हितों की रक्षा की।

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