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फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चाईबासा में विश्व नर्सेस दिवस मनाया गया, सेवा, करुणा और समर्पण को किया गया नमन* 

 

 

चाईबासा: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सदर, चाईबासा में आज विश्व नर्सेस दिवस के अवसर पर नर्सिंग सेवा की प्रतीक फ्लोरेंस नाइटिंगेल की जयंती भावपूर्ण वातावरण में मनाई गई। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य केंद्र की सभी नर्सें, एएनएम, जीएनएम, सीएचओ सहित चिकित्साकर्मी मौजूद रहे।

 

कार्यक्रम की शुरुआत फ्लोरेंस नाइटिंगेल के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इस अवसर पर एएनएम प्रेमलता पूर्ति ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जीवन और योगदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 12 मई 1820 को एक संपन्न ब्रिटिश परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने जीवन भर सेवा, करुणा और समर्पण की भावना के साथ नर्सिंग को एक उच्चतम मानवीय कार्य के रूप में स्थापित किया।

 

क्राइमियन युद्ध के दौरान उन्होंने घायल सैनिकों की सेवा कर जो मानवीय मिसाल पेश की, उससे उन्हें “The Lady with the Lamp” की उपाधि मिली। उनकी निःस्वार्थ सेवा ने नर्सिंग को एक सम्मानजनक पेशा बनाने की राह प्रशस्त की और आज भी वे पूरी दुनिया की नर्सों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

 

कार्यक्रम में प्रथम चिकित्सा पदाधिकारी जूलियानी पिंगुआ, रजनीश पूर्ति, निर्मल लगुरी, प्रेमलता पूर्ति, शांति लता, लक्ष्मी नाग, दीपिका बोईपाय, सावित्री देवगम, सुशीला सुंडी, हीरावती पिंगुआ, मेरी मुंडू, असीमा सुंडी, अनुकंपा सिंकुरिया, राजलक्ष्मी बिरुवा, ललिता मिंज सहित दर्जनों स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।

 

इस अवसर पर वक्ताओं ने नर्सों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि नर्सिंग केवल एक पेशा नहीं बल्कि सेवा भाव का जीवंत उदाहरण है, जो मानवता के प्रति समर्पण की मिसाल है।

 

कार्यक्रम में सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने संकल्प लिया कि वे फ्लोरेंस नाइटिंगेल के आदर्शों को अपने कार्यों में उतारते हुए समाज की सेवा में सदैव तत्पर रहेंगे।

 

“नर्सिंग सेवा वह दीप है, जो हर पीड़ा को प्रकाश में बदल देता है और यह दीप 200 वर्षों से जलता आ रहा है।”

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