सेल प्रबंधन पर फिर गरजे मधु कोड़ा, गुवा खदान में रोजगार समझौते के उल्लंघन का आरोप,स्थानीय बेरोजगारों और ठेका श्रमिकों की समस्याओं पर हुई अहम वार्ता

न्यूज़ लहर संवाददाता
गुवा ।पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने सेल गुवा खदान में मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर व अन्य अधिकारियों के साथ स्थानीय बेरोजगारों की नियुक्ति, ठेका मजदूरों की स्थिति और सीएसआर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की।मधु कोड़ा ने आरोप लगाया कि बीते वर्ष मेघालया गेस्ट हाउस में सेल प्रबंधन, जिला प्रशासन और उनके बीच हुए त्रिपक्षीय वार्ता में जिन बिंदुओं पर लिखित सहमति बनी थी, उन्हें अब तक लागू नहीं किया गया है। यह न सिर्फ वादाखिलाफी है बल्कि स्थानीय युवाओं की आकांक्षाओं के साथ छल है। श्री कोड़ा ने जानकारी दी कि आगामी जुलाई माह से गुवा खदान में समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति लागू की जाएगी। स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और हाई स्किल्ड श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप पारिश्रमिक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व सहमति के अनुसार गुवा खदान में 500 स्थानीय ठेका मजदूरों को रोजगार देने का वादा किया गया था। लेकिन अब तक केवल 18 लोगों को ही काम पर रखा गया है, जिससे हम पूरी तरह असंतुष्ट हैं। यह छलावा है और इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन लोगों को ठेका मजदूर के रूप में नियुक्त किया जा रहा है, उनसे ठेकेदार 4 से 5 लाख रुपये की घूस वसूल रहे हैं। यह बेहद शर्मनाक है और इससे स्थानीय युवाओं में भारी रोष है। उन्होंने सीजीएम से ऐसे ठेकेदारों का लाइसेंस तत्काल रद्द करने की मांग की है। सीजीएम कमल भास्कर ने भरोसा दिलाया कि जिन ठेकेदारों पर अवैध वसूली के आरोप प्रमाणित होंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ी तो पुलिस व प्रशासन की भी मदद ली जाएगी। मधु कोड़ा ने स्पष्ट चेतावनी दी कि गुवा खदान में होने वाले सभी प्रकार के कार्यों में स्थानीय मजदूरों को 100% प्राथमिकता दी जाए। अगर बाहरी मजदूरों को लगाया गया तो स्थानीय लोग आंदोलन को बाध्य होंगे और ठेकेदारों के सारे काम बंद करवा दिए जाएंगे। वार्ता में यह सहमति भी बनी कि सेल के सेवानिवृत्त कर्मियों को कुछ शर्तों के साथ दो लाख रुपये अग्रिम भुगतान कर सेल के आवासों में रहने की अनुमति देने पर विचार की जाएगी। श्री कोड़ा ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो ठेकेदार मजदूरों को काम से हटाने की धमकी देकर हर महीने पैसे वसूल रहे हैं, उनकी यह गुंडागर्दी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि यह प्रथा नहीं रुकी तो हम खुद ठेकेदारों और प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन करेंगे और सारे काम बंद कराने के लिए बाध्य होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सेल खदानों के कारण विस्थापित हुए गांवों के बेरोजगारों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। जबकि सीएसआर योजनाएं उन्हीं के कल्याण के लिए हैं। लेकिन गुवा, किरीबुरु, मेघाहातुबुरु और चिड़िया खदान क्षेत्रों में इन योजनाओं का लाभ धरातल पर नहीं दिख रहा है। उन्होंने चेताया कि यदि सेल प्रबंधन और ठेकेदार अपनी नीति नहीं सुधारते, तो आने वाले दिनों में बड़ा जन आंदोलन खड़ा हो सकता है। युवाओं में गुस्सा है और उन्हें दबाने की कोशिश अब भारी पड़ेगी। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की यह पहल स्थानीय हितों की रक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है। अगर सेल प्रबंधन व प्रशासन ने उनकी मांगों पर जल्द अमल नहीं किया, तो खदान क्षेत्र में असंतोष और अशांति की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। रोजगार, पारदर्शिता और न्याय की मांग को अब टाला नहीं जा सकता।