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खूँटपानी में ग्राम प्रधान मंजीत हईबुरु की निर्मम हत्या से क्षेत्र में शोक और आक्रोश*   *मानकी मुंडा संघ ने परिजनों से की मुलाकात, उच्चस्तरीय जांच की मांग की* 

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के खूँटपानी प्रखंड अंतर्गत ग्राम बासा गम्हरिया में ग्राम प्रधान मंजीत हईबुरु की निर्मम हत्या से कोल्हान क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। आज मानकी मुंडा संघ की केंद्रीय टीम पीड़ित परिवार से मिलने पहुँची और उन्हें न्याय दिलाने का पूर्ण आश्वासन दिया। संघ ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।

 

*क्या है मामला?*

 

जानकारी के अनुसार, मंजीत हईबुरु, जो ग्राम बसाहतु के प्रधान ग्रामीण मुंडा के रूप में कार्यरत थे, 11 मई 2025 को रविवार के दिन दोपई हाट के लिए निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। अगली सुबह उनकी लाश ग्राम बासा गम्हरिया के पास खून से लथपथ अवस्था में मिली। स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और जांच प्रारंभ की।

 

प्रत्यक्षदर्शियों और परिजनों के अनुसार, मंजीत हईबुरु की हत्या धारदार हथियार से की गई, जो इस बात को दर्शाता है कि यह घटना सुनियोजित थी। मंजीत हईबुरु कोल्हान में स्वशासन व्यवस्था के तहत एक सम्मानित ग्राम प्रधान थे।

 

*मानकी मुंडा संघ का विरोध और प्रशासन से सवाल*

 

घटना के बाद मानकी मुंडा संघ ने इस जघन्य हत्या की कड़ी निंदा की है। संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह न केवल एक व्यक्ति की हत्या है, बल्कि यह स्वशासन और आदिवासी अस्मिता पर हमला है। संघ ने सवाल उठाया कि देश में नए कानूनों के लागू होने के बावजूद अपराध में कमी के बजाय वृद्धि क्यों हो रही है?

 

उन्होंने कहा कि जब किसी ग्रामीण या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के व्यक्ति के साथ ऐसी घटनाएं होती हैं, तो अक्सर प्रशासन की लापरवाही देखने को मिलती है, जिससे अपराधियों के हौसले और बुलंद हो जाते हैं।

 

*प्रशासन से न्याय की मांग*

 

संघ और स्थानीय ग्रामीणों ने झारखंड सरकार और चाईबासा पुलिस से यह मांग की है कि मंजीत हईबुरु के हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई इस प्रकार का दुस्साहस न कर सके।

 

उन्होंने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में भी अपराधियों के हौसले आसमान छूते रहे हैं और आज भी कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।

 

न्याय की राह देख रहा है परिवार

ग्राम बसाहतु के निवासी, परिजन और स्थानीय समाज अब इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि क्या प्रशासन मंजीत हईबुरु को न्याय दिला पाएगा। यह केवल एक हत्या नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की आत्मा पर चोट है।

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