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डीएलएसए चाईबासा द्वारा POSH अधिनियम पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन* 

 

चाईबासा: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, रांची के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, डीएलएसए, मौ. शाकिर के मार्गदर्शन में आयोजित की गई, जिसमें प्राधिकार के सचिव रवि चौधरी एवं एलएडीसी प्रमुख सुरेंद्र प्रसाद ने पैनल अधिवक्ताओं एवं अर्ध-विधिक स्वयंसेवकों (पीएलवी) को POSH अधिनियम की विस्तृत जानकारी प्रदान की।

 

कार्यशाला के दौरान सचिव श्री चौधरी ने बताया कि “कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013” महिलाओं को एक सुरक्षित एवं सम्मानजनक कार्य वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम प्रत्येक कार्यस्थल पर आंतरिक शिकायत समिति (Internal Committee) के गठन को अनिवार्य बनाता है, जिसमें कम से कम 50% महिला सदस्य होना आवश्यक है। समिति का कार्य यौन उत्पीड़न की शिकायतों की निष्पक्ष जांच कर त्वरित समाधान सुनिश्चित करना है।

 

श्री चौधरी ने अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज करने से लेकर जांच और निवारक उपायों तक की पूरी प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि POSH अधिनियम सिर्फ व्यक्तिगत कार्यस्थलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह साझा कार्यस्थलों पर भी लागू होता है, जहाँ विभिन्न संगठन एक साथ कार्यरत होते हैं।

 

इस अवसर पर एलएडीसी प्रमुख सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि POSH अधिनियम के अंतर्गत नियोक्ताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें न सिर्फ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने होते हैं, बल्कि सभी कर्मचारियों को इस अधिनियम की जानकारी देकर जागरूक भी करना होता है। उन्होंने अधिनियम की बारीकियों को सरल भाषा में समझाते हुए सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों का समाधान किया।

 

कार्यशाला में पैनल अधिवक्ताओं एवं पीएलवी की सक्रिय भागीदारी रही। सभी ने इस प्रयास की सराहना की और कार्यस्थलों को सुरक्षित व गरिमामय बनाए रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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