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राज्य सरकार की लापरवाही से बंद हुईं खनन गतिविधियां, बढ़ा भ्रष्टाचार और अवैध माइनिंग: सरयू राय* 

 

 

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में खनन उद्योग वर्षों से रोजगार और राजस्व का मुख्य स्रोत रहा है, लेकिन वर्तमान में यह पूरी तरह ठप पड़ा है। जमशेदपुर के जदयू विधायक एवं राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय ने इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

 

चाईबासा परिसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री राय ने कहा कि माइंस बंद होने के कारण सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है और अवैध खनन में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीति और नियत में खोट के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। राय ने कहा कि विगत चार वर्षों से बालू घाटों की नीलामी नहीं होने से बालू की चोरी चरम पर पहुंच गई है और सरकार को मिलने वाला राजस्व लगातार गिरता जा रहा है।

 

उन्होंने स्पष्ट कहा कि वर्तमान सरकार में सही तरीके से कार्य कराना अत्यंत कठिन हो गया है और सबसे चिंताजनक बात यह है कि गलत कार्यों को रोकना और भी मुश्किल होता जा रहा है। राज्य में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है और सरकार इस पर लगाम लगाने में विफल रही है।

 

डीजीपी नियुक्ति विवाद पर राय ने कहा कि भारत सरकार ने अनुराग गुप्ता को निर्धारित समय पर सेवानिवृत्त कर दिया था, बावजूद इसके राज्य सरकार ने उन्हें बनाए रखा है। उन्होंने मांग की कि योग्य अधिकारियों को डीजीपी बनाकर सरकार एक सकारात्मक संदेश दे।

 

अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि राज्य की बिगड़ती प्रशासनिक व्यवस्था, राजस्व हानि और बढ़ते भ्रष्टाचार पर अविलंब ध्यान दिया जाए।

 

“खनन बंदी और भ्रष्टाचार का बोझ राज्य और जनता दोनों पर पड़ रहा है” — सरयू राय

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