मानगो की जल संकट और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सरयू राय का सरकार पर हमला, उपायुक्त कार्यालय के समक्ष दिया धरना*

जमशेदपुर: शहर के मानगो क्षेत्र में गंभीर जल संकट और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर स्थानीय विधायक सरयू राय ने शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने जोरदार धरना दिया। अपने समर्थकों और सहयोगी नेताओं के साथ उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों और प्रशासनिक उदासीनता के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि यह आंदोलन अब जनआंदोलन का रूप लेगा।
विधायक सरयू राय ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरने की शुरुआत की, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। धरने को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मानगो पेयजल परियोजना प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। सरकार और विभागीय अधिकारियों से बार-बार वार्ता के बावजूद क्षेत्र की जल आपूर्ति व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि रांची स्थित उच्च अधिकारियों से कई दौर की बैठकें हुईं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिले, समाधान नहीं। सरयू राय ने कहा कि जनता अब आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहती है।
धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने ‘पानी दो, जीवन दो’, ‘मानगो की जनता प्यासी है, सरकार फिर भी उदासी है’ जैसे नारे लगाए। धरने के दौरान शहर के अन्य क्षेत्रों से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और अपने-अपने इलाकों की समस्याओं को उजागर किया।
इसी बीच, मानगो क्षेत्र में पानी की समस्या से त्रस्त नागरिकों ने पानी टंकी के पास प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर पेयजल संकट का स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो वे उपायुक्त कार्यालय पर ‘हांडी फोड़ आंदोलन’ करेंगे। यह प्रतीकात्मक विरोध प्रशासन की संवेदनहीनता के खिलाफ होगा।
विधायक सरयू राय ने कहा कि यह आंदोलन अब केवल पानी की समस्या तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति, सफाई व्यवस्था और प्रशासन की जवाबदेही को लेकर भी आवाज बुलंद की जाएगी।
धरने में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, वार्ड प्रतिनिधि और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। सभी ने प्रशासन से मांग की कि मानगो पेयजल योजना को प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द समाधान निकाला जाए।
सरयू राय ने चेतावनी दी कि यदि जनता की समस्याओं की अनदेखी जारी रही, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र होगा। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई अब जनता के अधिकारों की है, और इसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।”