बागबेड़ा जलापूर्ति घोटाले पर विनोद कुमार राम, सुबोध कुमार झा समेत पांच लोगों ने RTI के तहत मांगी जवाबदेही, वर्षों से गंदा पानी पीने को मजबूर जनता

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी में जलापूर्ति योजना में घोटाले और लापरवाही के खिलाफ विनोद कुमार राम, सुबोध कुमार झा, पवित्रा पांडे, सिकंदर शर्मा और अनिल मिश्रा ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत विस्तृत जानकारी मांगी है। इन पांचों नागरिकों ने उपायुक्त, जन सूचना पदाधिकारी और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को पत्र लिखकर जवाबदेही तय करने की मांग की है।
बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के हजारों निवासी वर्षों से गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपये की लागत से फिल्टर प्लांट निर्माण और जलापूर्ति योजना का वादा किया गया था, लेकिन आज तक न तो फिल्टर प्लांट बन पाया और न ही लोगों को शुद्ध जल मिल सका है।
विनोद कुमार राम, सुबोध कुमार झा, पवित्रा पांडे, सिकंदर शर्मा और अनिल मिश्रा ने RTI के तहत विभाग से पूछा है कि बागबेड़ा जलापूर्ति योजना की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है, कितने घरों को वैध और अवैध कनेक्शन दिए गए हैं, और अब तक खर्च की गई राशि का पूरा ब्यौरा क्या है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से सैकड़ों घरों में अवैध रूप से पानी के कनेक्शन दिए गए हैं, जिनके लिए मुखिया और प्लंबर के माध्यम से 10,000 से 20,000 रुपये तक की अवैध वसूली की गई। वैध कनेक्शन के लिए भी 1,050 रुपये सिक्योरिटी मनी और हर माह 100 रुपये शुल्क लिया जाता है, लेकिन रसीद और अन्य दस्तावेज़ लोगों को नहीं दिए जाते।
सूत्रों के अनुसार, बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना के लिए पूर्व में भी 21 लाख 63 हजार रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन उस राशि का दुरुपयोग हुआ और फिल्टर प्लांट निर्माण अधूरा रह गया। फिलहाल, विभाग की ओर से काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
RTI के तहत मांगी गई जानकारी में यह भी पूछा गया है कि बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के एक नंबर, दो नंबर और तीन नंबर रोड के सैकड़ों घरों में कई महीनों से पानी क्यों नहीं मिल रहा है, और कब तक पानी की आपूर्ति बहाल होगी। साथ ही, अवैध कनेक्शन देने वाले मुखिया और विभागीय अधिकारियों के नाम, आदेश की कॉपी, खर्च के बिल-वाउचर, ग्राम जल स्वच्छता समिति की पासबुक की फोटो कॉपी और शिकायतों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी गई है।
स्थानीय निवासियों द्वारा बार-बार शिकायत और RTI के तहत जानकारी मांगे जाने के बावजूद विभागीय अधिकारी स्पष्ट जवाब देने से बच रहे हैं। जिला प्रशासन और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को अवैध कनेक्शन और जल संकट की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। विभाग की ओर से पानी की वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर कभी-कभी टैंकर भेजे जाते हैं, जो नाकाफी हैं।