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झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने सेल गुवा में तीन लोगों की बहाली का विरोध एवं अन्य मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

 

गुवा।बोकारो से आए तीन लोगों को गुवा सेल खदान में हुई बहाली एवं अन्य मांगों को लेकर झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन के बैनर तले सेल कर्मियों एवं ठेका मजदूरों ने गुवा सेल के जनरल ऑफिस में विरोध प्रदर्शन किया।
यह विरोध प्रदर्शन बाहरियों को भगाने एवं गुवा के स्थानीय बेरोजगार युवक युवतियों की बहाली की मांग को लेकर की गई।
इस दौरान गुवा सेल प्रबंधन के विरोध में विभिन्न नारे लगाए गए। यह मजदूर का प्रदर्शन तकरीबन 1 घंटे तक चला उसके बाद सेल प्रबंधन ने वार्ता के लिए बैठक की गई। बैठक के दौरान झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडेय ने कहा कि बीएसएल बोकारो से तीन लोगों को गुवा सेल में बहाली दी गई है। जबकि गुवा के स्थानीय बेरोजगार भी आईटीआई करके डिप्लोमा पास किए हुए हैं। जब गुवा में आईटीआई पास डिप्लोमा कर कर बेरोजगार बैठे हुए हैं तो उसकी सेल गुवा में बहाली न देकर बोकारो से जॉइनिंग करा कर गुवा सेल जॉइनिंग करा रही है।


जिसे हम लोग पुरजोर विरोध करते हैं। साथ ही विभिन्न समस्याओं को लेकर उन्होंने सेल प्रबंधन को अवगत कराया की गुवा में भी डिप्लोमा किए हुए बेरोजगार है, उसे अभिलंव सेल में बहाली ली जाए, जब तक स्थानीय बेरोजगारों को डिप्लोमा में बहाली नहीं दी जाती है तब तक उन्हें ठेका मजदूर में बहाली दी जाएं, ठेका मजदूर की बहाली में महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाए, सप्लाई मजदूरों का नाइट एलायंस 90 रुपए दी जाएं, स्कूल में एडाँक टीचर की वेतन में बढ़ोतरी की जाए, नो वर्क नो पे पर विचार कर ठेका कर्मियों को लाभ दिया जाए, ठेका मजदूरमें को कंप्यूटर की ट्रेनिंग कराई जाए, कोबरा सिक्योरिटी गार्ड को रिचेंटमेंट बेनिफिट का पैसा दी जाए, सेल के कन्टैक्टर स्वर्गीय प्रमोद वर्मा का 3 साल का बकाया रिचेंटमेंट बेनिफिट का पैसा दी जाए।


इन सभी मांगों पर सेल प्रबंधन ने 15 दोनों का समय मांगा है और अश्वत किया कि इन सब मांगों को जल्द ही पूरी की जाएगी। इसके साथ ही मजदूरों का आंदोलन समाप्त हो गया।
इस दौरान आंदोलन करने वालों में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे, महामंत्री अंतर महाकुड़, राजेश यादव, राजेंद्र पृष्टि, किशोर सिंह, केदार ठाकुर, संजय सांडिल, चंद्रिका खंडाईत, आरती होरो सहित काफी संख्या में सेल कर्मी एवं ठेका श्रमिक मौजूद थे।

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