सरना धर्म कोड आदिवासी अस्मिता का सवाल : कांग्रेस 26 मई को राजभवन के समक्ष कांग्रेस करेगी वृहद धरना प्रदर्शन

चाईबासा: सरना धर्म कोड की मांग और आदिवासी अस्मिता की रक्षा को लेकर कांग्रेस आगामी 26 मई 2025 को राजभवन के समक्ष वृहद धरना प्रदर्शन करेगी। इसी संदर्भ में शनिवार को चाईबासा कांग्रेस भवन में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जगन्नाथपुर के विधायक सह उप मुख्य सचेतक सोनाराम सिंकु ने कहा कि आदिवासी समाज की पहचान, अस्मिता और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए जनगणना फॉर्म के सातवें कॉलम में सरना धर्म को पुनः सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक कोड नहीं, बल्कि आदिवासियों की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा मुद्दा है।
कांग्रेस नेत्री व सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बरला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को आदिवासियों की मांगों से कोई लेना-देना नहीं है। सरना धर्म कोड पर उसकी चुप्पी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। कांग्रेस इस मुद्दे पर शुरू से गंभीर रही है।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार बलमुचू ने कहा कि भाजपा सरकार ने न तो 2014 से पहले और न ही बाद में सरना धर्म कोड को लेकर कोई ठोस पहल की। उन्होंने कहा कि “वनाधिकार कानून” और “स्थानीय नीति” जैसे विषयों पर भी भाजपा ने आदिवासी हितों के खिलाफ काम किया है।
प्रेस वार्ता में कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास, त्रिशानु राय, दिकु सावैयां, सकारी दोंगो, ललित दोराईबुरु, सुरेश सावैयां और राम सिंह सावैयां समेत कई नेता उपस्थित थे।