सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कांग्रेस का राजभवन के समक्ष विशाल धरना आज

चाईबासा: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी द्वारा 26 मई 2025 (सोमवार) को पूर्वाह्न 11:00 बजे से रांची स्थित राजभवन के समक्ष सरना धर्म कोड की मांग को लेकर एक विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी कांग्रेस के पश्चिमी सिंहभूम जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय ने रविवार को दी।
उन्होंने बताया कि झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है, जहाँ बड़ी संख्या में लोग सरना धर्म को मानते हैं। यह धर्म प्रकृति-पूजन पर आधारित है, जिसकी मान्यताएं, पूजा-पद्धति एवं धार्मिक आचरण अन्य सभी प्रचलित धर्मों से भिन्न हैं। जल, जंगल और जमीन को ही सरना धर्म का जीवंत ग्रंथ माना जाता है। सरना धर्मावलंबी पेड़-पहाड़ की पूजा करते हैं और पर्यावरण संरक्षण को ही धर्म का स्वरूप मानते हैं।
वर्षों से उठ रही है अलग धर्म कोड की मांग
त्रिशानु राय ने कहा कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन जैसे धर्मों के लिए जनगणना फॉर्म में अलग-अलग कॉलम (कोड) उपलब्ध हैं, लेकिन आदिवासी सरना धर्म के लिए अब तक कोई अलग कोड नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड विधानसभा ने भी सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से जनगणना फॉर्म में सातवां कॉलम जोड़ने की माँग की है, ताकि आदिवासी समुदाय को उनका धार्मिक अस्तित्व और पहचान मिल सके। बावजूद इसके केंद्र सरकार अब तक इस विषय पर मौन है।
पश्चिमी सिंहभूम से होगा प्रतिनिधित्व
धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में पश्चिमी सिंहभूम जिला से भी प्रतिनिधित्व होगा। जगन्नाथपुर के विधायक एवं झारखंड सरकार के उप मुख्य सचेतक सोनाराम सिंकु, कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास सहित जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता इस धरना में भाग लेकर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगे।
कांग्रेस का स्पष्ट संदेश
इस आंदोलन के माध्यम से कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आदिवासियों की धार्मिक पहचान को लेकर प्रतिबद्ध है और केंद्र सरकार द्वारा सरना धर्म कोड की अनदेखी के विरोध में संघर्ष करेगी। पार्टी ने सभी समाजसेवियों, युवाओं और सरना धर्म से जुड़े लोगों से इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन में सम्मिलित होने की अपील की है।