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एमटीएमसी में पॉश प्रशिक्षण : तीन सौ से अधिक कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम पर दी गई जागरूकता

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। मणिपाल टाटा चिकित्सा महाविद्यालय (एमटीएमसी) ने एक सुरक्षित, समावेशी और सम्मानजनक कार्यस्थल वातावरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सोमवार को एक व्यापक पॉश (कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के जनसंपर्क विभाग द्वारा संचालित किया गया, जिसमें तीन सौ से अधिक शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस प्रशिक्षण सत्र का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के प्रति कर्मचारियों को जागरूक बनाना और ऐसे मामलों के समाधान हेतु संस्थागत प्रक्रियाओं की जानकारी देना था।

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता सुश्री बरनाली चक्रवर्ती (विशेषज्ञ, युवा शक्ति फाउंडेशन) रहीं। उन्होंने संवादात्मक शैली में अधिनियम के कानूनी प्रावधानों, वास्तविक जीवन की घटनाओं, तथा एक लिंग-संवेदनशील कार्यस्थल की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने आंतरिक शिकायत समिति की भूमिका, प्रक्रिया और दायित्वों को सरल भाषा में समझाया।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सुश्री पद्मा कुमारी (पद्म शक्ति फाउंडेशन) ने लैंगिक वकालत और समुदाय आधारित हस्तक्षेपों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कार्यस्थल पर गरिमा और समानता बनाए रखने के लिए जागरूकता, सहानुभूति और संस्थागत उत्तरदायित्व अनिवार्य है। उन्होंने प्रतिभागियों को “सम्मान की संस्कृति” के निर्माण, अनुचित व्यवहार की पहचान, दर्शक हस्तक्षेप को बढ़ावा देने और व्यावहारिक प्रतिक्रिया रणनीतियों से भी अवगत कराया।

सत्रों के अंत में यह स्पष्ट किया गया कि पॉश प्रशिक्षण केवल एक वैधानिक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक सशक्त, जागरूक और नैतिक कार्यबल के निर्माण की दिशा में एक ठोस पहल है।

एमटीएमसी ने यह आश्वासन दिया कि वह भविष्य में भी इस प्रकार की पहलों के माध्यम से अपने कार्यस्थल को अधिक सुरक्षित और समानतापूर्ण बनाने के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा।

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