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रेल दुर्घटना में फंसे घायल को बचाने की ली सीख टाटानगर में लोको पायलटों को मिला रेस्क्यू और फायर सेफ्टी का जीवंत प्रशिक्षण

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर: “जब हर सेकंड कीमती होता है और किसी की सांसें दांव पर लगी हों, तब प्रशिक्षित हाथ और सतर्क दिमाग ही जीवन रक्षक बनते हैं।” इसी उद्देश्य को लेकर टाटानगर रेल सिविल डिफेंस टीम की ओर से इलेक्ट्रिक लोको पायलट ट्रेनिंग सेंटर में एक प्रभावशाली और भावनात्मक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसमें तीन सौ से अधिक प्रशिक्षणरत लोको पायलटों को आपदा प्रबंधन, फायर सेफ्टी और प्राथमिक उपचार की महत्वपूर्ण विधियों से परिचित कराया गया।

दुर्घटना में फंसे घायल की जान बचाने की तकनीकें सिखीं
रेल सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि रेल दुर्घटना या किसी भी बड़े हादसे में कई बार पीड़ित बेहद संकीर्ण और कठिन स्थानों में फंस जाते हैं, जहाँ तक पहुंचना बचाव दल के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे हालात में जीवन बचाने के लिए विशेष रेस्क्यू तकनीकों की आवश्यकता होती है। प्रशिक्षण के दौरान कंबल ड्रैग, बो लाइन ड्रैग, टो ड्रैग, रेस्क्यू क्रॉल जैसी रेस्क्यू विधियों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया। प्रत्येक मॉक ड्रिल इस बात का उदाहरण था कि कैसे सजगता और प्रशिक्षण मिलकर किसी की जिंदगी बचा सकते हैं।

फायर संयंत्र और एलपीजी दुर्घटना से निपटने की तैयारी
डेमोंस्ट्रेटर अनिल कुमार सिंह ने एलपीजी गैस रिसाव से लगी आग को बुझाने की तकनीकों को न सिर्फ सिखाया, बल्कि लाइव डेमोंस्ट्रेशन देकर उसे व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत किया। वहीं शंकर प्रसाद ने फायर एक्सटिंग्विशर के उपयोग, उससे जुड़ी सावधानियों और तत्काल कार्रवाई की प्रक्रिया को मॉक ड्रिल के माध्यम से समझाया।

प्राथमिक उपचार भी रहा प्रशिक्षण का हिस्सा
डेमोंस्ट्रेटर अनामिका मंडल ने घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देने, विशेषकर सही तरीके से बैंडेज करने की विधियों को सरल और प्रभावशाली ढंग से समझाया। प्रशिक्षण के अंतर्गत यह संदेश भी दिया गया कि किसी भी आपदा की स्थिति में घबराना नहीं, बल्कि सही निर्णय और प्रशिक्षण ही जीवन रक्षक सिद्ध होता है।

देशभर से शामिल हुए लोको पायलट प्रशिक्षु
इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनएफआईआर, सेंट्रल रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, पूर्वी रेलवे सहित विभिन्न रेलवे ज़ोन से आए तीन सौ से अधिक लोको पायलट प्रशिक्षणार्थी शामिल हुए। उन्होंने न सिर्फ तकनीकी जानकारी प्राप्त की, बल्कि सेवा भाव और संकट में मानवता की रक्षा का महत्व भी आत्मसात किया।

संवेदनशीलता और सजगता का संकल्प
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल तकनीकी दक्षता बढ़ाना था, बल्कि लोको पायलटों के भीतर मानवीय संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा की भावना को और प्रबल करना भी था। टाटानगर रेल सिविल डिफेंस टीम का यह प्रयास निश्चित ही रेलवे सुरक्षा की दिशा

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