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मानगो पेयजल परियोजना की लापरवाही उजागर, 10 वर्षों की जांच को मिली स्वीकृति

 

न्यूज़ लहर संवाददाता

जमशेदपुर।जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय की पहल पर मानगो पेयजल परियोजना की विफलताओं की जांच का रास्ता साफ हो गया है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव ने परियोजना के पिछले 10 वर्षों के कार्यकलापों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने पर सहमति दे दी है।

मंगलवार को सरयू राय ने विभागीय अधिकारियों और संवेदक के साथ इंटकवेल और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि इंटकवेल के छह में से केवल दो पंप कार्य कर रहे हैं, और वहां जलकुंभी सहित अन्य जलीय पौधे उग आए हैं। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में स्वचालित व्यवस्थाएं बंद पड़ी हैं और मैन्युअल तरीके से क्लोरीन व फिटकरी का डोज डाला जा रहा है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

उन्होंने बताया कि सभी छह जोनों में जल वितरण असमान है। जोन संख्या 6 को भरपूर पानी मिल रहा है जबकि जोन 1 से 5 तक पानी की आपूर्ति बेहद कम है। जोन 3 की टंकी तो 25 से 30 मिनट में खाली हो जाती है। उन्होंने सवाल उठाया कि जोन 6 के लिए अलग से राइजिंग पाइपलाइन क्यों बिछाई गई जबकि अन्य जोनों के लिए एक ही लाइन है।

सरयू राय ने प्रधान सचिव से शिकायत की कि अब तक भेजी गई जांच टीमें सतही रही हैं। उन्होंने मांग की कि नई समिति वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गठित हो और यह जांच करे कि इतने वर्षों में परियोजना संचालन में कितनी पारदर्शिता रही है। उन्होंने कहा कि 125 करोड़ की लागत से बनी इस परियोजना में लापरवाही अक्षम्य है और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान उनके साथ पिंटू सिंह, संतोष भगत, पप्पू सिंह, अमरेंद्र पासवान, रवि गोराई, मुकेश सिंह और जीतेंद्र साहू उपस्थित थे।

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