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चाईबासा में श्रद्धा और सेवा भाव से मनाया गया श्री गुरु अर्जन देव जी का शहीदी दिवस गुरुद्वारा नानक दरबार सहित शहर के विभिन्न चौकों पर लगी छबील, राहगीरों को बांटा गया ठंडा मीठा शरबत व चने का प्रसाद

 

चाईबासा: शहीदों के सरताज, सिखों के पाँचवें गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस के अवसर पर चाईबासा में श्रद्धा, सेवा और समर्पण के भाव से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा नानक दरबार चाईबासा में पिछले 40 दिनों से स्त्री सत्संग सभा की ओर से प्रतिदिन श्री सुखमनी साहिब का पाठ आयोजित किया जा रहा था, जिसका समापन शहीदी दिवस पर विशेष अरदास के साथ किया गया।

शुक्रवार 30 मई को प्रातः 10 बजे गुरुद्वारा नानक दरबार में अरदास कर कड़ा प्रसाद, चना प्रसाद और ठंडा मीठा शर्बत श्रद्धालुओं के बीच वितरित किया गया। इसके साथ ही गुरुद्वारा की ड्योढ़ी के पास सुबह 10:30 बजे से विशेष छबील लगाई गई, जहां राहगीरों को सेवा भाव से प्रसाद व शरबत वितरित किया गया।

सेवा कार्य यहीं तक सीमित नहीं रहा। टाटा रोड खप्परसाई, बड़ी बाजार चौक और पोस्ट ऑफिस चौक पर भी 11 बजे से युवा खालसा और स्त्री सत्संग सभा के सहयोग से छबील लगाकर राहगीरों, दुकानदारों और यात्रियों को ठंडा शर्बत व चना प्रसाद वितरित किया गया। हर स्थान पर श्रद्धालुओं और सेवकों ने तन-मन-धन से सहयोग कर गुरु अर्जन देव जी की शहादत को स्मरण करते हुए सेवा भाव को जीवंत किया।

इस आयोजन में श्री गुरु सिंह सभा की विशेष भूमिका रही। सभा के अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर ने सभी श्रद्धालुओं, स्त्री सत्संग सभा, युवा खालसा और अन्य सहयोगियों को धन्यवाद देते हुए कहा, “वाहेगुरु जी उन सभी को तंदरुस्ती दे जिन्होंने तन-मन-धन से इस सेवा में भाग लिया। वाहेगुरु उन्हें सदा चढ़दी कला में रखें।”

शहर में श्रद्धा और सेवा का यह संगम न केवल सिख समुदाय के लिए प्रेरणास्रोत रहा, बल्कि समस्त समाज को आपसी सौहार्द, समर्पण और सेवा भावना का संदेश भी देता रहा।

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