ईचा डैम से रूंगटा स्टील को सींचने की तैयारी, विरोधी संघ ने किया आक्रोश व्यक्त राजनगर प्रखंड में ग्राम नीमडीह में विरोध बैठक, ईचा डैम पुनर्निर्माण के प्रस्ताव पर उठे सवाल

सरायकेला: राजनगर प्रखंड के ग्राम नीमडीह में ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान द्वारा ईचा डैम के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव और सहमति के विरोध में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान महावीर महतो ने की। बैठक में उपस्थित ग्रामीणों ने एकजुट होकर टी.ए.सी द्वारा लिए गए निर्णय का विरोध करते हुए अपने आक्रोश का इज़हार किया।
संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बिरुली ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हेमंत सरकार यह दावा करती है कि सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए ईचा डैम को रद्द करने से 97,256 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधाओं का निर्माण प्रभावित होगा। यह बिल्कुल गलत है। ईचा डैम को फिर से शुरू करने की तैयारी केवल रूंगटा स्टील को सिंचाई देने के लिए की जा रही है, जो गांवों के हित में नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि ईचा डैम के पुनर्निर्माण का प्रस्ताव ग्रामीणों के लिए कोई लाभकारी नहीं है, बल्कि यह परियोजना आदिवासी समुदाय को नुकसान पहुंचाने वाली है। बिरुली ने यह भी याद दिलाया कि 2014 में तत्कालीन कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। उस समिति ने डैम को रद्द करने और विस्थापितों को उनकी जमीन वापस करने की अनुशंसा की थी। लेकिन अब पुनः 18 गांवों को डूब में डाले जाने की बात कही जा रही है, जो आदिवासी समाज को विभाजित करने की साजिश प्रतीत होती है।
ईचा डैम विरोधी संघ कोल्हान लगातार विस्थापितों को एकजुट कर इस परियोजना के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। बिरुली ने इस संघर्ष को और तेज करने की बात कही और ग्रामीणों से अपील की कि वे एकजुट होकर इस परियोजना का विरोध करें।
बैठक में सोसों ग्राम के मुंडा सुरेश सुरीन, रेयांश समड, कृष्ण बानरा, संतोष महतो, बसंत कुमार महतो, गुलिया कालुंडिया, बिरसा गोडसोरा, रॉबिन अल्डा, श्याम कुदादा, पांडु महतो, आह्लाद महतो, गुरु चरण महतो, रविंद्र महतो, रूपेश महतो सहित अन्य ग्रामीणों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की।
ईचा डैम विरोधी संघ ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक उनके अधिकारों और हितों की रक्षा नहीं की जाती, तब तक वे संघर्ष जारी रखेंगे और डैम को रद्द करने की मांग करेंगे।