खरसावां में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण में मजदूरों की मजदूरी का मामला फिर सुर्खियों में
                                                न्यूज़ लहर संवाददाता
खरसावां।खरसावां ब्लॉक परिसर में 10.38 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस निर्माण कार्य की शुरुआत से ही विवादों का सिलसिला जारी है। पहले शिलापट्ट पर स्थानीय सांसद का नाम नहीं अंकित करने को लेकर विवाद हुआ था, उसके बाद निर्माण में पुराने ईंटों के इस्तेमाल और गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे। अब मजदूरों को उनकी मेहनत की मजदूरी नहीं मिलने का मामला सामने आया है, जिससे नाराज मजदूरों ने निर्माण कार्य को ठप कर दिया है।
बताया जा रहा है कि भवन निर्माण विभाग द्वारा बन रहे इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए बिल्डिंग एजेंसी ने पुरुलिया के बड़ाबाजार निवासी पेटी ठेकेदार बलदेव कोड़ा को काम सौंपा था। बलदेव कोड़ा ने खरसावां, कुचाई समेत आसपास के इलाकों से लगभग 80 मजदूरों से दो-तीन महीने तक कड़ी मेहनत करवाई, लेकिन जब मजदूरी देने की बारी आई तो वह पैसे लेकर फरार हो गया। मजदूरों का कहना है कि उन्हें हर सप्ताह काम के बाद मजदूरी मिलती थी, लेकिन अब लगभग ढाई लाख रुपये की मजदूरी बकाया है। मजदूरों ने कई बार ठेकेदार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा है। नए नंबर से फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला।
मजदूरों ने सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निर्माण स्थल पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। उनका कहना है कि जब तक बकाया मजदूरी नहीं मिलती, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जाएगा। मजदूरों में सुभाष माझी, सुनी सोय, सोनाराम लोहार, किर्ती गोप, सावित्री पाडिया, रायमुनी पाडिया, चित्रमनी गोप, चम्पा गोप, राखी गोप, पुनम गोप, किरण गोप, निखिल सरदार, सुजय सरदार, सुनिल पूर्ति, रूईदास सोय, प्रेम सोय, रानी गोप, उषा गोप, भारती नायक, बिनोदनी नायक, सुशील गोप, कारी पाडिया, मनीषा हेम्ब्रम, बिषम उरांव, रीया पाडिया, अरुण उरांव, सोमा तियु, मुगल तियु, सुनिता मुंडा, गणेश मुंडा, सुकरमनी पाडिया, सुरू पाडिया, अनिता पुर्ति, बालेमा रघु, राजेश गुदूवा, बुधनी पाडिया, सुकरमनी गोप, सलाय तियु, दिलीप तियु, राय तियु, रघु हांसदा, बप्पी हांसदा, कालीचरण हांसदा, सुरजो पाडिया, मिरा गागराई सहित दर्जनों मजदूर शामिल हैं, जिनकी मजदूरी अब तक नहीं मिली है।
इस मामले में कार्य एजेंसी के साइट सुपरवाइजर वशिष्ठ मिश्रा ने कहा कि एजेंसी ने पेटी ठेकेदार बलदेव कोड़ा को स्क्वायर फीट के हिसाब से पूरा भुगतान कर दिया है। एजेंसी पर किसी भी मजदूर की मजदूरी बकाया नहीं है। मजदूर पेटी ठेकेदार को बुलाएं, हम सामने बैठकर हिसाब कर देंगे। वहीं, भवन निर्माण विभाग के सहायक अभियंता ने भी इसे संवेदक और पेटी ठेकेदार के बीच का मामला बताया है।
मजदूरों का कहना है कि वे रोज काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं और मजदूरी न मिलने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मजदूरों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी बकाया मजदूरी दिलाई जाए, तभी वे निर्माण कार्य को दोबारा शुरू करेंगे। फिलहाल, 30 मई से अस्पताल का निर्माण कार्य पूरी तरह बंद पड़ा है।
निर्माण स्थल पर सूचना पट्ट भी नहीं लगाया गया है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठ रहे हैं। मजदूरों का संघर्ष जारी है और वे अपने हक की मजदूरी पाने के लिए लगातार प्रशासन का दरवाजा खटखटा रहे हैं।


							
							
							










