ईचा डैम के विरोध में धोलाडीह में जनसंपर्क अभियान, हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप

सरायकेला: राजनगर प्रखंड के हेरमा पंचायत अंतर्गत धोलाडीह गांव में ईचा-खरकई डैम निर्माण के खिलाफ कोल्हान ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ की ओर से एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता धोलाडीह के ग्रामीण मुंडा सीदीऊ पड़ेया ने की, जिसमें हाथीसेरेंग, यादूडीह और दीरिबाण्डी सहित कई गांवों के सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए।
संघ के उपाध्यक्ष रेयांश सामड ने झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ईचा डैम के पुनर्निर्माण का फैसला सरकार द्वारा केवल उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि डैम से सबसे अधिक फायदा रुंगटा और टाटा जैसी कंपनियों को होगा और इन्हीं कंपनियों ने सरकार को आर्थिक लाभ पहुंचाया है।
रेयांश सामड ने कहा, “हेमंत सोरेन ने अपने संघर्ष यात्रा के दौरान सोसोहातु में कहा था कि सीने पर गोली खा लेंगे लेकिन डैम नहीं बनने देंगे। आज वही नेता सत्ता में आकर आदिवासियों की ज़मीन और अस्तित्व पर हमला कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि “अबुआ दिसुम अबुआ राज” का नारा देने वाली सरकार आज बिहार के पंकज चौरसिया को मंझारी प्रखंड में गांव-गांव, घर-घर नंबर प्लेट लगाने का टेंडर दे रही है। क्या राज्य के आदिवासी और मूलवासी इतने अयोग्य हैं कि उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती?
बैठक में वरिष्ठ आंदोलनकारी मरकांडों बारी ने भी तीखे शब्दों में सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “शहीद गंगाराम कालुंडिया की तरह हमें एकजुट होकर फिर से आंदोलन खड़ा करना होगा। जब तक हमारे प्रतिनिधि हमारे वोट की ताकत नहीं समझेंगे, तब तक यह विनाशकारी परियोजना नहीं रुकेगी।”
सभा को कोषाध्यक्ष गुलिया कालुंडिया, सह सचिव बिरसा गोडसोरा, मीडिया सचिव रॉबिन आलडा, सक्रिय सदस्य कृष्णा बानरा, सिंगराय जामुदा, मार्शल गोडसोरा सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। सभी ने एक स्वर में ईचा डैम परियोजना को वापस लेने की मांग की और आंदोलन को तेज करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में यदुदीह ग्राम प्रधान लक्ष्मण महतो, कांडे सोय, जगमोहन बानरा, मालती सवैया, जानकी देवगम, गुरुचरण महतो, सरस्वती गोडसोरा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया।
डैम के खिलाफ जनआंदोलन को और तेज करने की चेतावनी देते हुए ग्रामीणों ने कहा कि जब तक सरकार इस निर्णय को वापस नहीं लेती, विरोध जारी रहेगा।