जिले के नौ शिक्षक बहुभाषी शिक्षा के लिए भेजे गए रांची 18 जून से बीआरपी-सीआरपी का और 1 जुलाई से शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू ‘पलाश’ कार्यक्रम के तहत बच्चों को मिलेगी भाषा और गणित दोनों विषयों में मजबूत नींव

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, रांची द्वारा बहुभाषी शिक्षा कार्यक्रम ‘पलाश’ के तहत शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू किया जा रहा है। इसी क्रम में पश्चिमी सिंहभूम जिले के नौ शिक्षक-शिक्षिकाओं को 9 जून से रांची के एआरटीटीसी (बीएसएनएल परिसर) में आयोजित आठ दिवसीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण में भेजा गया है। इन शिक्षकों को भविष्य में जिले के अन्य शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो द्वारा नामित इन शिक्षकों में शामिल हैं कृष्णा देवगम, राजेन्द्र प्रसाद नेवार, हरिनारायण प्रसाद सिन्हा, राजेश सिंकू, देवीलाल पुरती, नवीन कुमार झा, दमयंती बिरूवा, विनिता कुमारी गोप और मंगल सिंह मुंडा। ये शिक्षक जिले के विभिन्न प्रखंडों के उत्क्रमित एवं प्राथमिक विद्यालयों से हैं।
भाषा के साथ गणित भी होगा प्रशिक्षण में शामिल
इस बार के प्रशिक्षण की खासियत यह है कि पहली बार भाषा के साथ गणित विषय को भी प्रशिक्षण में शामिल किया गया है। पहले वर्षों में भाषा शिक्षण पर ही अधिक ध्यान दिया जाता था, लेकिन अब बच्चों की संख्यात्मक समझ और गणितीय कौशल को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
18 जून से बीआरपी-सीआरपी और 1 जुलाई से शिक्षक प्रशिक्षण
जिले में 18 जून से बीआरपी और सीआरपी का प्रशिक्षण प्रारंभ होगा। इसके बाद 1 जुलाई से जिले के 305 विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को गतिविधि आधारित और बाल केंद्रित शिक्षण तकनीकों से परिचित कराना है, जिससे वे कक्षा में रचनात्मक और प्रभावशाली शिक्षण कर सकें।
कक्षा तीन तक बच्चों के लिए नई पहल
‘पलाश’ कार्यक्रम के तहत इस शैक्षणिक सत्र से कक्षा तीन तक के बच्चों को भाषा और गणित दोनों विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों की आधारभूत दक्षताओं को मजबूत करना है ताकि आगे की पढ़ाई में उन्हें परेशानी न हो।
शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षक कक्षा संचालन में नवीन तरीकों का उपयोग करेंगे और बच्चों को ज्यादा प्रभावी ढंग से सिखा सकेंगे। इससे बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी सहायता मिलेगी।