सरायकेला में “भूत-प्रेत” की दहशत से दहले ग्रामीण, अफवाह या साजिश?

न्यूज़ लहर संवाददाता
तिरुलडीह: सरायकेला-खरसावां जिले के तिरुलडीह थाना क्षेत्र के डाटम जंगल से गुजरने वाली सड़क पर भूत-प्रेत की अफवाहों ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीणों का दावा है कि एक महिला की आत्मा राहगीरों को परेशान कर रही है। इस घटना के पीछे अफवाह है या किसी साजिश की परतें—यह अब जांच का विषय बन गया है। प्रशासन ने ग्रामीणों को अफवाहों से बचने और पुलिस को सहयोग करने की अपील की है।
तिरुलडीह थाना क्षेत्र के डाटम के जंगल से गुजरने वाली सड़क पर भूत-प्रेत की अफवाहों ने ग्रामीणों के बीच भारी दहशत फैला दी है। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले एक गर्भवती महिला की दुर्घटना में मौत हो गई थी, और अब उसकी आत्मा प्रेत बनकर राहगीरों को परेशान कर रही है। शाम ढलते ही यह सड़क वीरान हो जाती है, क्योंकि ग्रामीण और वाहन चालक यहां से गुजरने से कतराने लगे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, यह प्रेत महिला अक्सर सड़क पर खड़ी होकर लोगों को पुकारती है, जिससे कई वाहन दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। वायरल हो रहे एक वीडियो में भी इस महिला को दहाड़कर रोते और किसी को पुकारते हुए दिखाया जा रहा है, जिसकी आवाज इतनी भयावह बताई जा रही है कि लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। रात के समय सुनसान जंगल में इस तरह की आवाजों का अनुभव ग्रामीणों में गहरी दहशत भर रहा है।
कुकड़ु से तिरुलडीह जाने वाली इस सड़क पर कई ग्रामीणों का दावा है कि उन्होंने इस प्रेत महिला को अपने बच्चे के साथ सड़क पर खड़ा देखा है, जो राहगीरों को अपनी ओर बुलाती है। इसके चलते वाहन चालकों ने भी इस मार्ग से गुजरना कम कर दिया है और जो गुजरते हैं, वे अपनी गाड़ियों के शीशे चढ़ाकर ही चलते हैं।
हालांकि, इस घटना की सच्चाई अभी तक सामने नहीं आई है और प्रशासन ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह अफवाह अवैध बालू खनन माफियाओं द्वारा फैलाई जा रही हो सकती है ताकि रात के समय उनकी गतिविधियां बिना किसी रुकावट के जारी रह सकें।
इसी विषय पर तिरुलडीह थाना परिसर में थाना प्रभारी अविनाश कुमार और ग्राम प्रधान की संयुक्त अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें गांव के मुखिया और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि भूत-प्रेत की अफवाहों से कई तरह का नुकसान हो सकता है और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और फोटो से बचने की सलाह दी। उन्होंने अपील की कि अफवाह फैलाने वालों को चिन्हित कर पुलिस को सूचित करें ताकि उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके।
वहीं, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था दुरुस्त करने पर भी सहमति बनी। प्रशासन ने ग्रामीणों से सहयोग की अपील की है ताकि इस मामले की हकीकत सामने आ सके और अफवाहों पर विराम लगाया जा सके।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो ने न सिर्फ ग्रामीणों को डरा दिया है, बल्कि प्रशासन के लिए भी चुनौती खड़ी कर दी है। जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, तब तक डाटम का यह जंगल ग्रामीणों के लिए एक डरावना अनुभव बना रहेगा।