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विधायक सरयू राय की अध्यक्षता में चाईबासा में हुई विधानसभा समिति की समीक्षा बैठक, जनहित कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन पर दिए निर्देश

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा: वरिष्ठ विधायक और झारखंड विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति के अध्यक्ष सरयू राय की अध्यक्षता में गुरुवार को चाईबासा परिसदन स्थित सभागार में समिति की एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में झारखंड सेवा गारंटी अधिनियम 2011, सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा की गई। बैठक में समिति सदस्य देवेंद्र कुंवर, उपायुक्त चंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन, उप विकास आयुक्त, सभी वन प्रमंडल पदाधिकारी सहित जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक के दौरान श्री राय ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सेवा गारंटी अधिनियम से संबंधित सूचना पट्ट प्रत्येक सरकारी कार्यालय परिसर में अनिवार्य रूप से प्रदर्शित किए जाएं ताकि नागरिकों को अपने अधिकारों की पूरी जानकारी मिल सके।

सूचना का अधिकार: पारदर्शिता और समयबद्धता पर जोर

श्री राय ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों की संख्या, निपटान की स्थिति और जिन मामलों में जानकारी नहीं दी गई, उनके कारणों की रिपोर्ट तत्काल समिति को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सूचना देने में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नागरिकों को समय पर, सही और पूर्ण जानकारी मिलना उनका अधिकार है।

सेवा गारंटी अधिनियम: शिकायतों के निपटारे की विस्तृत रिपोर्ट मांगी

सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज शिकायतों के निपटारे पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दोष सिद्ध और दोषमुक्त दोनों ही प्रकार के मामलों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर समिति को भेजी जाए। आम जनता से जुड़े मामलों का त्वरित और निष्पक्ष निष्पादन प्राथमिकता होनी चाहिए।

निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों के नामांकन की समीक्षा

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में आरक्षित 25% सीटों पर गरीब बच्चों के नामांकन की स्थिति की समीक्षा करते हुए श्री राय ने निर्देश दिया कि इन बच्चों को दी जा रही सुविधाओं, शिक्षा पर खर्च और नामांकन की अद्यतन जानकारी संकलित कर समिति को दी जाए।

बैठक की शुरुआत में उपायुक्त चंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने विधायक सरयू राय और समिति सदस्य देवेंद्र कुंवर का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

यह बैठक जिले में जनहित से जुड़े कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में एक अहम पहल के रूप में देखी जा रही है, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।

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