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विश्व रक्तदाता दिवस 2025: अनजाने नायकों को सलाम

 

चाईबासा/चक्रधरपुर: आज विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर दुनियाभर में उन निस्वार्थ रक्तदाताओं को सम्मानित किया जा रहा है, जिनके एक छोटे से योगदान से लाखों जिंदगियों को नया जीवन मिलता है। यह दिन हर साल 14 जून को मनाया जाता है ताकि रक्तदाताओं के योगदान को सराहा जा सके और लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित किया जा सके।

Donate Blood Be A Hero अभियान के संस्थापक रबिन्द्र गिलुवा ने इस मौके पर सभी रक्तदाताओं को हृदय से धन्यवाद देते हुए कहा, “आपका एक यूनिट रक्त किसी की जिंदगी को बचाने का जरिया बन सकता है। आप अनजाने में नायक बनते हैं, जो इंसानियत की सेवा कर रहे हैं।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में करीब 118.54 मिलियन यूनिट रक्त एकत्र किया जाता है, जिसमें से 40% उच्च आय वाले देशों से आता है। भारत में स्थिति चिंताजनक है—यहाँ हर साल लगभग 1.46 करोड़ यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है, लेकिन आपूर्ति केवल 1.3 करोड़ यूनिट तक सीमित रहती है। इस कमी का सबसे अधिक प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों और आपातकालीन मरीजों पर पड़ता है।

2022 में भारत में केवल 33.8 दान प्रति 1000 लोगों का औसत था, जबकि जरूरत 36.3 प्रति 1000 थी। महाराष्ट्र, केरल और पंजाब जैसे राज्य रक्तदान में आगे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में जागरूकता की कमी है।

इस दिन का उद्देश्य केवल रक्तदाताओं को धन्यवाद देना नहीं, बल्कि समाज को यह संदेश देना है कि रक्तदान एक महान सेवा है। एक रक्तदान से तीन से चार लोगों की जान बचाई जा सकती है।

इस अवसर पर सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे आगे आएं, रक्तदान करें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
“रक्त दो, जीवन साझा करो!”

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