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बिरसिंह बिरुली बोल रहे हैं भाजपा-आरएसएस की भाषा : बुधराम लागुरी झामुमो प्रवक्ता ने अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध बयान देने का लगाया आरोप

 

चाईबासा: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के जिला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अनुसूचित/जनजाति संगठनों के अखिल भारतीय परिसंघ पश्चिमी सिंहभूम के सचिव बिरसिंह बिरुली पर तीखा हमला बोला है। लागुरी ने कहा कि बिरुली भाजपा और आरएसएस की भाषा बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के विरुद्ध बयान देकर असंवैधानिक रुख अपना रहे हैं।

यह प्रतिक्रिया बिरुली द्वारा झामुमो पर धर्मांतरण को लेकर दोहरी नीति अपनाने के आरोपों के जवाब में आई है। बुधराम लागुरी ने कहा कि झामुमो एक धर्मनिरपेक्ष और सर्वसमावेशी राजनीतिक दल है, जो राज्य के सभी जातियों, धर्मों और वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि बिरुली द्वारा किसी एक विशेष समुदाय को निशाना बनाते हुए पार्टी पर आरोप लगाना न केवल हास्यास्पद है, बल्कि यह समाज को विभाजित करने की कोशिश भी है।

 

लागुरी ने आगे कहा कि भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए स्पष्ट प्रावधान हैं। अनुच्छेद 29 और 30 के तहत भाषाई, धार्मिक, जातीय व लिंग आधारित अल्पसंख्यकों को सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये अधिकार व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूपों में मान्य हैं।

झामुमो प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी जाति या धर्म की राजनीति नहीं करती, बल्कि उसका मूलमंत्र है “सभी जाति और धर्म के लोगों को साथ लेकर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाना।” उन्होंने यह भी बताया कि झामुमो ने पश्चिमी सिंहभूम जिले में वर्गीय संगठनों के विस्तार में सभी समुदायों के लोगों को प्रतिनिधित्व देने का कार्य किया है।

अंत में लागुरी ने कहा कि ऐसे भ्रामक और विभाजनकारी बयानों से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि ये न केवल संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध हैं बल्कि समाज में फूट डालने की साजिश भी हो सकते हैं।

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