कर्ज और आर्थिक तंगी से जूझते मौलाना ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में किया दर्द बयां चाईबासा के बड़ी बाजार स्थित मदीना मस्जिद की घटना, पुलिस ने शुरू की जांच
न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा।पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चाईबासा सदर थाना क्षेत्र से एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। बड़ी बाजार स्थित मदीना मस्जिद के मौलाना शाहबाज आलम (30 वर्ष) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से स्थानीय क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है और मस्जिद के आसपास के लोगों में स्तब्धता व्याप्त है।
घटना की जानकारी मिलते ही चाईबासा सदर थाना प्रभारी तरुण कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों की टीम ने विधिवत पोस्टमार्टम किया।
मौके पर की गई जांच के दौरान पुलिस को एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें मौलाना शाहबाज आलम ने अपनी आर्थिक स्थिति और मानसिक तनाव का उल्लेख किया है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि वे काफी समय से कर्ज में डूबे हुए थे और आर्थिक तंगी से बेहद परेशान थे। लगातार बढ़ते दबाव और समस्या से जूझते हुए उन्होंने अंततः यह कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया।
शाहबाज आलम मदीना मस्जिद में विगत कई वर्षों से मौलाना के रूप में सेवाएं दे रहे थे और क्षेत्र में एक धार्मिक व सम्मानित व्यक्ति माने जाते थे। उनकी आत्महत्या की खबर से मस्जिद समिति, उनके जानने वाले, और स्थानीय लोग गहरे सदमे में हैं।
पुलिस कर रही मामले की गहन जांच
सदर थाना प्रभारी तरुण कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर प्रारंभिक जांच की जा रही है। मृतक के परिवार वालों और करीबी लोगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह समझा जा सके कि वे किस तरह की मानसिक और आर्थिक परेशानी से गुजर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि सुसाइड नोट की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी और मामले की हर पहलू से जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि क्या किसी प्रकार का कोई मानसिक उत्पीड़न या सामाजिक दबाव इस आत्महत्या के पीछे था।
परिवार और समाज में शोक की लहर
शाहबाज आलम के इस असामयिक निधन से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है। समाज के कई लोगों ने उनके निधन को एक सामाजिक क्षति बताया है।