बागबेड़ा नया बस्ती में बाढ़ से मचा हाहाकार, 350 से अधिक घर जलमग्न, राहत कार्य में जुटे समाजसेवी

जमशेदपुर। लगातार हो रही बारिश के कारण बागबेड़ा नया बस्ती क्षेत्र में स्वर्णरेखा नदी और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। परिणामस्वरूप, लगभग 350 से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर चुका है, जिससे स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई है। बाढ़ की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा जिला मुख्यालय प्रभारी सुबोध झा ने जिला प्रशासन से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग की है।
सुबोध झा ने बताया कि शिवघाट के पास पहले बनाया गया स्लुइस गेट पिछली बार जलजमाव के दौरान हटा दिया गया था, जिससे पानी का बहाव बस्तियों की ओर हो गया। उन्होंने कहा कि यदि फिर से स्लुइस गेट का निर्माण किया जाए और 50 एचपी के दो मोटर लगाए जाएं, तो नाले में भरने वाले बारिश के पानी को नदी में फेंककर बाढ़ की स्थिति से बचा जा सकता है। इस सुझाव को कई बार जिला प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया गया, परंतु आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसका परिणाम यह बाढ़ है।
प्रभावित क्षेत्रों में हालात गंभीर
बागबेड़ा नया बस्ती, सिद्धू कानू बस्ती, बाबा कुटी का निचला इलाका, सीपी टोला, प्रधान टोला, हरहर गुड्डू, शिवनगर, गणेश नगर और राधाकृष्ण मंदिर के निचले इलाकों में पानी तेजी से भर गया है। सिद्धू कानू बस्ती में 13 मकानों में और अन्य इलाकों में सैकड़ों घरों में पानी घुस चुका है।
राहत कार्यों में जुटे स्थानीय लोग और समाजसेवी
स्थानीय सामाजिक संस्थाएं, समाजसेवी और पंचायत सदस्य राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सहायता शिविरों के लिए प्रमुख स्थानों में सिद्धू कानू मैदान, लोहिया भवन, प्राथमिक विद्यालय बागबेड़ा नया बस्ती रोड नंबर 3, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर और आसपास की ऊंची इमारतें शामिल हैं। स्थानीय लोग भी स्वयं सहायता प्रदान कर रहे हैं।
सुबोध झा ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि प्रभावित परिवारों के लिए शुद्ध पेयजल, भोजन एवं अन्य सुखा राहत सामग्री की तत्काल व्यवस्था की जाए। उन्होंने शहर के तमाम समाजसेवियों से भी अपील की कि वे बाढ़ पीड़ितों के लिए यथासंभव सहायता पहुंचाएं और भोजन-पानी की व्यवस्था कर सेवा में योगदान दें।
सेवा कार्य में जुटे समिति के सदस्य
बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के साथ समिति के सदस्य मुकेश सिंह, पवित्रा पांडे और विनोद राम लगातार राहत कार्य में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।