Regional

गोकुलनगर में घर तोड़ने के आदेश के खिलाफ महिलाओं ने उपायुक्त के गाड़ी रोकने किया प्रयास, जोरदार प्रदर्शन, डीसी से पुनर्वास की मांग

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। एमजीएम थाना क्षेत्र स्थित गोकुलनगर में 350 से अधिक घरों को हटाने के आदेश के खिलाफ स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में महिलाओं ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया और पुनर्वास की मांग उठाई। महिलाओं ने उपायुक्त के कार को रोकने का प्रयास किया।

एमजीएम थाना क्षेत्र के गोकुलनगर में वन विभाग द्वारा 350 से अधिक घरों को तोड़ने के आदेश के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। शनिवार को बड़ी संख्या में महिलाएं जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचीं और विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की गाड़ी रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें समझा-बुझाकर हटाया। इसके बाद उपायुक्त की ओर से उन्हें आश्वासन दिया गया कि आधे घंटे के भीतर वे प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करेंगे।

महिलाओं ने शुक्रवार को भी उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर पुनर्वास की व्यवस्था होने तक तोड़फोड़ पर रोक लगाने की मांग की थी। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि गोकुलनगर में एक घर पहले ही तोड़ा जा चुका है और अन्य घरों को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। उनका आरोप है कि वे लोग पिछले 40 वर्षों से वहां रह रहे हैं और अचानक बिना पूर्व सूचना या संवाद के घरों को तोड़ने का आदेश देना अमानवीय है।

स्थानीय निवासी यह भी बता रहे हैं कि अधिकांश परिवार दिहाड़ी मजदूर, ठेला चालक और श्रमिक वर्ग से आते हैं। यदि उनके घर टूटे तो वे न केवल बेघर हो जाएंगे, बल्कि उनके बच्चों की पढ़ाई और परिवार की आजीविका भी खतरे में पड़ जाएगी।

 

गौरतलब है कि गोकुलनगर दलमा इको-सेंसिटिव ज़ोन के अंतर्गत आता है और वन विभाग की ओर से लगातार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है। इसी के तहत इन घरों को खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से अपील की है कि जब तक उचित पुनर्वास की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक घरों को न तोड़ा जाए। इस मामले में अब जिला प्रशासन के हस्तक्षेप की उम्मीद जताई जा रही है।

Related Posts