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लगातार बारिश ने खेती पर ढाया कहर, सैकड़ों किसानों की सब्जी फसलें बर्बाद

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले में हो रही लगातार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खासकर पटमदा, पोटका, घाटशिला और बहरागोड़ा प्रखंड के सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। महुलडांगरी, बामडोल, गुहियापाल, रंगुनिया, पानीपड़ा जैसे कई गांवों में जलजमाव के कारण खेतों में खीरा, बैगन, झींगा, लौकी और बरबटी जैसी सब्जी फसलें सड़ने लगी हैं।

किसानों का कहना है कि इस बार बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती की गई थी, लेकिन बारिश ने पूरे खेत डुबो दिए। सौरूप घोष, शिव नाइक, हेमंत पैरा, मतिलाल पैरा, मंगलू नाइक, मानिक दंडपाट, शिबू नाइक, बुधु दंडपाट समेत कई किसानों ने बताया कि कई खेतों में फसल तैयार थी, लेकिन जलभराव और कीचड़ के कारण उन्हें तोड़ना भी संभव नहीं हो पा रहा है।

प्रति बीघा खेती पर औसतन तीस हजार रुपये का खर्च हुआ था, जिसमें जुताई, बीज, कीटनाशक, खाद और सिंचाई शामिल हैं। खीरे की फसल से कुछ किसानों ने एक बार कटाई कर बिक्री की, लेकिन बाकी पूरी फसल पानी में डूबकर नष्ट हो गई।

सब्जियों की बर्बादी का असर मंडियों पर भी दिखने लगा है। जहां पहले खीरा 30 रुपये, बैगन और झींगा 40 रुपये, बरबटी 60 रुपये किलो बिक रहे थे, वहीं अब इनकी कीमतों में उछाल की आशंका जताई जा रही है। इससे किसानों को जहां भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, वहीं आम उपभोक्ता को भी सब्जियों के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।

किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि फसल क्षति का आकलन कर उन्हें मुआवजा दिया जाए और ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कोई स्थायी समाधान निकाला जाए, ताकि भविष्य में उन्हें फिर ऐसी मुसीबतों का सामना न करना पड़े।

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