झारखंड सरकार को चेताया: काबू दत्ता बोले, विकास के बजाय विनाश का प्रतीक बनता जा रहा है झारखंड

चाईबासा: बुधवार को चाईबासा के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व प्रत्याशी देवी शंकर दत्ता उर्फ काबू दत्ता ने झारखंड सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि राज्य गठन के 25 वर्ष बाद भी झारखंड विकास की राह पर नहीं, बल्कि विनाश की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के समय जो सपने देखे गए थे, वे अब तक अधूरे हैं।
काबू दत्ता ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव के समय तैयार किया गया घोषणापत्र सिर्फ दिखावा होता है, जबकि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2000 में झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ तीन नए राज्य बने थे, जिनमें से उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ ने विकास की नई ऊंचाइयों को छू लिया, लेकिन झारखंड आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है।
शिक्षा व्यवस्था पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि चाईबासा जैसे प्रमंडलीय मुख्यालय में उच्च शिक्षा के लिए बेहतर संस्थान नहीं हैं, जिससे विद्यार्थियों को राज्य के बाहर पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है और इसका सीधा आर्थिक दबाव अभिभावकों पर पड़ता है।
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल उठाते हुए काबू दत्ता ने कहा कि चाईबासा सदर अस्पताल में साधारण बीमारी तक के इलाज की सुविधा नहीं है, मरीजों को एमजीएम जमशेदपुर रेफर किया जाता है, जहां की बिल्डिंग भी जर्जर हालत में है। गंभीर मरीजों को वहां से रांची रिम्स भेज दिया जाता है, जिससे आमजन को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
विकास कार्यों की बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोल्हान में योजनाओं की घोषणाएं तो होती हैं, लेकिन उनका उद्घाटन नहीं होता। खरकाई बंद परियोजना केवल राजनीति का साधन बन गई है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने स्थिति नहीं सुधारी तो जनता को साथ लेकर एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। काबू दत्ता ने झारखंड सरकार से अपील की कि वह जनभावनाओं को समझे और राज्य के वास्तविक विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए।