पेसा कानून पर रघुवर दास का हमला : पूछा- किससे डर रहे हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। झारखंड में पेसा कानून की उदासीनता को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुवर दास ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया है। गुरुवार को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित चैंबर ऑफ कॉमर्स में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सरकार पेसा कानून को लागू करने से बच रही है, जबकि झारखंड हाई कोर्ट ने 2024 में ही दो माह के भीतर इसे लागू करने का निर्देश दिया था। एक साल बीतने के बाद भी सरकार की चुप्पी निंदनीय है।
उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आखिर किससे डर रहे हैं? क्या आदिवासी नेतृत्व सिर्फ चुनावी नारा था? पेसा कानून से ग्राम सभाओं को खनिज, वनोपज और जल संसाधनों पर अधिकार मिलेगा, जो गांवों की अर्थव्यवस्था को सशक्त करेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कानून लागू नहीं हुआ, तो 15वें वित्त आयोग की ₹1400 करोड़ की राशि लैप्स हो जाएगी।
रघुवर दास ने बताया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 2018 में नियमावली तैयार कर ली थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। वर्तमान सरकार ने 2023 में ड्राफ्ट नियमावली तैयार कर सुझाव आमंत्रित किए, जिसे विधि विभाग ने वैध बताया है। अब केवल कैबिनेट मंजूरी बाकी है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विदेशी धर्म प्रचारक संस्थाएं पेसा कानून को रोकने में सक्रिय रही हैं। साथ ही मांग की कि अनुसूचित क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 10 वर्षों तक आरक्षण की पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द कानून लागू नहीं हुआ, तो भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।