साकची गुरुद्वारा साहिब चुनाव मामला: निशान सिंह की संवैधानिक जीत, झारखंड उच्च न्यायालय ने विवादित आदेश पर लगाई रोक निशान सिंह ने इसे संगत के सब्र की जीत बताया, कमिटी में ख़ुशी का माहौल वाहेगुरु के चरणों में की शुक्राना अरदास

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर।साकची गुरुद्वारा साहिब चुनाव से जुड़े बहुचर्चित विवाद पर आखिरकार झारखंड उच्च न्यायालय का अहम आदेश सामने आ गया है। न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने विवादित आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। गुरुवार को जैसे ही न्यायालय का आदेश प्राप्त हुआ, साकची गुरुद्वारा साहिब के निर्वाचित प्रधान सरदार निशान सिंह ने इसे “सत्य और संगत के सब्र की जीत” बताया।
न्यायिक आदेश की प्रति मिलते ही प्रधान निशान सिंह ने अपनी पूरी कमिटी टीम के साथ गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष अरदास की। इस दौरान संगत में उल्लास और विश्वास का वातावरण साफ झलक रहा था। समिति के सदस्यों ने एक-दूसरे को गले मिलकर बधाइयाँ दीं और न्यायपालिका के फैसले का स्वागत किया।
सरदार निशान सिंह ने कहा, यह केवल उनकी नहीं बल्कि पूरी संगत की जीत है। यह सत्य की उस शक्ति का प्रमाण है जो किसी भी झूठ, फरेब और साजिश से कहीं ऊपर होती है। न्यायालय का आदेश इस बात का संकेत है कि संगत के सब्र और आस्था को कमज़ोर नहीं आँका जा सकता।
महासचिव शमशेर सिंह सोनी और वरिष्ठ पदाधिकारी खजान सिंह ने भी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि वे इस पल को शब्दों में बयान नहीं कर सकते। उनके अनुसार, झारखंड उच्च न्यायालय का यह आदेश उन लोगों के लिए एक आईना है जो गुरुघर में केवल साम, दाम, दंड, भेद की राजनीति में विश्वास रखते हैं।
निशान सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सत्य और सेवा की राह पर चलने की प्रतिबद्धता पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी टीम पर गर्व है जो हर स्थिति में संगत के विश्वास को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध रही है। गुरुद्वारा परिसर में इस मौके पर बड़ी संख्या में संगत उपस्थित थी, जहां भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन कर इस महत्वपूर्ण कानूनी विजय का स्वागत किया गया। हालांकि यह फैसला अभी अंतरिम है और मामले की अंतिम सुनवाई आगे होगी लेकिन संगत के लिए यह एक मनोबल बढ़ाने वाला निर्णायक क्षण है। निशान सिंह के पक्ष अधिवक्ता आयुष आदित्य, अवनीश प्रखर, पी एस दयाल तथा स्थानीय अधिवक्ता के एम सिंह द्वारा जिरह की गई।
निशान सिंह ने आगे की रणनीति तय करने के लिए शाम को सदस्यों सन बैठक की जिसमे मुख्य रूप से शमशेर सिंह सोनी, सतनाम सिंह सिद्धू, अवतार सिंह फुर्ती, खजान सिंह, सतनाम सिंह घुम्मण, सतबीर सिंह गोल्डू, जयमल सिंह, हरविंदर सिंह जमशेदपुरी, जसपाल सिंह जस्से, जसबीर सिंह गांधी, अजाइब सिंह, श्याम सिंह, त्रिलोचन सिंह टोची, सुरजीत सिंह छीटे, अमरपाल सिंह, सतपाल सिंह राजू, दलजीत सिंह, गुरविंदर सिंह काकू, गुरनाम सिंह, तरसेम सिंह, बलबीर सिंह, परमजीत सिंह चन्नी, जितेंद्र सिंह राजा आदि शामिल हुए।