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कांग्रेस का इतिहास अघोषित आपातकालों और दमन का प्रतीक : भाजपा

 

चाईबासा: भारतीय जनता पार्टी की पश्चिमी सिंहभूम जिला कमेटी ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि 1975 का घोषित आपातकाल ही नहीं, बल्कि कांग्रेस का पूरा इतिहास ही लोकतंत्र पर हमले और अघोषित आपातकालों से भरा हुआ है। भाजपा ने कहा कि आज कांग्रेस जिस “अघोषित आपातकाल” की बात कर रही है, उससे पहले उसे अपने अतीत की ओर देखना चाहिए जहाँ उसने बार-बार लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का दमन किया।

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी जितेंद्र नाथ ओझा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कांग्रेस ने न केवल 1975 में संविधान को ताक पर रखकर आपातकाल थोप दिया था, बल्कि वर्षों तक देश के अलग-अलग हिस्सों में लोकतंत्र को कुचलने का काम किया। चुनी हुई सरकारों को बर्खास्त करना, विपक्षी नेताओं को जेल में डालना, प्रशासन और पुलिस का दुरुपयोग करना कांग्रेस की राजनीति का हिस्सा रहा है।

 

प्रेस विज्ञप्ति में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस ने आदिवासी समाज पर भी बर्बरता दिखाई। झारखंड के खरसुआ और गुवा जैसे गोलीकांडों का हवाला देते हुए कहा गया कि निर्दोष आदिवासियों को सिर्फ इसलिए गोलियों से भून दिया गया क्योंकि उन्होंने अपने हक और जमीन की मांग की थी। विकास के नाम पर उनकी ज़मीनें छीनी गईं, मुआवजा तक नहीं दिया गया और विरोध करने पर दमन किया गया।

भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति ने समाज में विभाजन की लकीर खींच दी। संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई, संसद को अपनी मनमर्जी से चलाया गया और न्यायपालिका पर भी दबाव बनाने की कोशिश की गई।

कांग्रेस के शासनकाल को ‘कोटा-परमिट राज’ का दौर बताते हुए भाजपा ने कहा कि इसने देश की अर्थव्यवस्था को जकड़कर रख दिया और व्यापारी, किसान तथा उद्योगपति सब उसकी कृपा पर निर्भर हो गए।

भाजपा ने कहा कि आज जब कांग्रेस लोकतंत्र और संविधान की बात कर रही है, तो उसे अपने अतीत में झांककर देखना चाहिए। देश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकतांत्रिक मूल्यों को सम्मान दे रहा है, संस्थाएं स्वतंत्र हैं और जनता की आवाज़ को सर्वोच्च माना जा रहा है।

भाजपा ने कहा कि आपातकाल के 50 वर्षों बाद कांग्रेस को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने अघोषित आपातकालों और दमनकारी नीतियों का जवाब देना चाहिए।

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