भोगनाडीह में जिला प्रशासन से भिड़े ग्रामीण, झुका प्रशासन

न्यूज़ लहर संवाददाता
साहिबगंज। जिले के भोगनाडीह में “हूल दिवस” को लेकर चल रहे विवाद में वीर सिदो-कान्हू के वंशजों एवं ग्रामीणों ने आज सरकार के ख़िलाफ मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों के तेवर को देखते हुए जिला प्रशासन ना सिर्फ झुका, बल्कि उन्होंने कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति भी दी।
दरअसल भोगनाडीह के सिदो-कान्हू स्टेडियम में हर साल हूल दिवस (30 जून) के अवसर पर “सिदो-कान्हू मुर्मू हूल फाउंडेशन” द्वारा सांस्कृतिक, खेल-कूद एवं विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं। इस साल पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन एवं पूर्व मंत्री लोबिन हेंब्रम समेत हजारों पारंपरिक ग्राम प्रधान एवं आदिवासी समाज के लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
जिला प्रशासन ने कार्यक्रम के आवेदन को महीने भर लटकाने के बाद, अंतिम समय में इसके लिए अनुमति देने से इंकार कर दिया था, जिस से ग्रामीणों में भारी आक्रोश था। कल मंडल मुर्मू ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि किसी भी हालत में यह कार्यक्रम होकर रहेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि शहीद परिवार के वंशजों एवं भोगनाडीह के ग्रामीणों को अपने ही गांव में कार्यक्रम करने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति की जरूरत नहीं है।
आज सुबह पारंपरिक हथियारों से लैस ग्रामीणों ने वीर सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू के नेतृत्व में गांव में आक्रोश रैली निकाली जिसमें जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी हुई। इसी क्रम में उन्हें पता चला कि जिला प्रशासन के अधिकारी आयोजन स्थल पर मंच का निर्माण कार्य रोकने के लिए आये हैं। इस से नाराज ग्रामीणों ने सीधे स्टेडियम का रूख किया।
स्टेडियम में एसडीओ, एसडीपीओ, सीओ एवं थाना प्रभारी के नेतृत्व में भारी मात्रा में पुलिस बल मौजूद था। मंडल मुर्मू के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों के सामने पुरजोर नारेबाजी की और स्पष्ट किया कि आप हमें, हमारे ही गांव में कार्यक्रम करने से नहीं रोक सकते। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि भले ही तीर चले अथवा संघर्ष हो, लेकिन ग्रामीण नहीं झुकेंगे।
ग्रामीणों के तगड़े विरोध ने अधिकारियों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। अंततः एसडीओ ने ग्रामीणों को शांतिपूर्ण कार्यक्रम करने की अनुमति दी, और जिला प्रशासन की टीम वहाँ से लौट गई।
तत्पश्चात ग्रामीणों ने वीर सिदो-कान्हू पार्क में जिला प्रशासन की तरफ से काम कर रहे मजदूरों को बाहर निकाल कर, पार्क को बंद कर दिया। ग्रामीणों ने कहा है कि या तो गांव में उनका कार्यक्रम होगा, या फिर कोई भी कार्यक्रम नहीं होगा। इस प्रदर्शन में शहीद परिवार के वंशजों के साथ सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।