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डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा- झारखंड की शिक्षा व्यवस्था अराजक, इंटर एडमिशन को लेकर हेमंत सरकार पूरी तरह विफल

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने राज्य की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था पर कड़ा हमला बोला है। शनिवार को जमशेदपुर के साकची स्थित जिला भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि झारखंड में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह अराजकता की स्थिति में पहुंच गई है। हेमंत सोरेन सरकार की घोर उदासीनता और कुप्रबंधन के कारण प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में लाई गई नई शिक्षा नीति के तहत डिग्री कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई को अलग करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन झारखंड सरकार ने पिछले साढ़े पांच वर्षों में न तो आधारभूत संरचना का विकास किया और न ही शिक्षकों की बहाली की। परिणामस्वरूप इस वर्ष मैट्रिक पास चार लाख से अधिक विद्यार्थी एडमिशन के लिए भटक रहे हैं। डिग्री कॉलेजों ने इंटरमीडिएट के दाखिले बंद कर दिए हैं, परंतु सरकार यह स्पष्ट नहीं कर पा रही कि छात्रों का नामांकन कहां होगा।

डॉ. गोस्वामी ने कहा कि सेकंड ईयर के विद्यार्थियों की पढ़ाई भी अधर में लटकी है। जिनका पंजीयन डिग्री कॉलेजों में हुआ था, अब उनकी पढ़ाई का कोई स्पष्ट प्रबंध नहीं है। उन्होंने कोल्हान विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके 20 अंगीभूत कॉलेजों में मात्र दो में स्थायी प्राचार्य हैं, शेष प्रोफेसर इंचार्ज के भरोसे हैं। कई विभागों में शिक्षक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जेपीएससी के माध्यम से नियुक्ति राज्य सरकार का दायित्व है, लेकिन सरकार को इसमें कोई रुचि नहीं।

चाकुलिया में लाखों की किताबों के कबाड़ में बिकने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह शिक्षा विभाग की विफलता का उदाहरण है। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। इस अवसर पर भाजपा महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, जिला उपाध्यक्ष संजीव सिन्हा, जिला मीडिया प्रभारी प्रेम झा और सह मीडिया प्रभारी अखिल सिंह उपस्थित थे।

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