सिदो-कान्हू मुर्मू आदिवासी पुस्तकालय का नौवां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया, संजय कच्छप हुए शामिल

न्यूज़ लहर संवाददाता
चक्रधरपुर। पश्चिम सिंहभूम जिला में शिक्षा के दीप को जलाए रखने और गांव-समाज में विचारों की रोशनी फैलाने के उद्देश्य से स्थापित वीर शहीद सिदो-कान्हू मुर्मू आदिवासी पुस्तकालय, सेताहाका (हथिया पंचायत), चक्रधरपुर ने सोमवार को अपना नौवां स्थापना दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस मौके पर खास अतिथि के रूप में पहुंचे ‘लाइब्रेरीमेन’ संजय कच्छप का पारंपरिक रीति-रिवाज और ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। फूलों की वर्षा और आदिवासी सांस्कृतिक परंपराओं से माहौल उत्साह और आत्मीयता से भर उठा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संजय कच्छप ने कहा कि इस पुस्तकालय ने बीते आठ वर्षों में शिक्षा की अलख जलाकर न सिर्फ किताबों को लोगों तक पहुंचाया है बल्कि अंधकारमय जीवन में आशा का संचार किया है। उन्होंने कहा कि यह पहल केवल एक पुस्तकालय तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जागरूकता का प्रतीक बन चुकी है। श्री कच्छप ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में यह पुस्तकालय समाज से बुराइयों को दूर करने और भाईचारा मजबूत करने में मजबूत स्तंभ की तरह कार्य करेगा।
बताते चलें कि संजय कच्छप के प्रयासों से झारखंड में 50 से अधिक पुस्तकालय संचालित हो रहे हैं। उनके शिक्षा के प्रति योगदान को प्रधानमंत्री ने भी “मन की बात” कार्यक्रम में सराहा था और गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्हें विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
स्थानीय ग्रामीणों और युवाओं ने भी पुस्तकालय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां से कई छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। कार्यक्रम का समापन “जय जोहार, हुल क्रांति अमर रहे, जय पुस्तकालय, जय भारत” जैसे जोशीले नारों के साथ हुआ, जिसने हर किसी को गर्व और प्रेरणा से भर दिया।