महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने के विरोध में कोल्हान छात्र संघर्ष समिति ने निकाली न्याय यात्रा* *छात्रों और अभिभावकों ने जताई नाराजगी, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम सौंपा मांगपत्र*
चाईबासा: कोल्हान क्षेत्र में महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद किए जाने के खिलाफ मंगलवार को कोल्हान छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले जिलेभर में “न्याय यात्रा” निकाली गई। चाईबासा के टाटा कॉलेज, महिला कॉलेज, कॉमर्स कॉलेज और चक्रधरपुर के जे.एल.एन कॉलेज के छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और शिक्षकों ने इस विरोध मार्च में हिस्सा लिया।
जुलूस के बाद छात्र प्रतिनिधियों ने उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम चार सूत्रीय मांगपत्र सौंपा, जिसमें प्रमुख रूप से यह मांग की गई कि जब तक प्रत्येक जिले में पर्याप्त संख्या में प्लस टू स्कूल संचालित नहीं हो जाते, तब तक महाविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी रखी जाए। साथ ही यह भी मांग की गई कि कॉलेजों में पढ़ रहे 11वीं के विद्यार्थियों को यथास्थान अपनी पढ़ाई पूरी करने दी जाए और कार्यरत शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
*छात्र नेताओं ने दी आंदोलन की चेतावनी*
छात्र नेता पिपुन बारिक ने कहा कि कोल्हान जैसे पिछड़े इलाके में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने से दूर-दराज के विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हजारों छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित हो सकते हैं। वहीं, 80 दिनों से धरने पर बैठे शिक्षकों और कर्मचारियों की मांगों पर भी सरकार चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो छात्र संगठन झारखंड बंद करने को विवश होंगे।
छात्र नेता मंजित हासदा ने भी कॉलेजों में पढ़ाई बंद करने के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए ऐसा फैसला छात्र हित में नहीं है। उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार निर्णय नहीं बदलती, तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
झामुमो छात्र मोर्चा के जिलाध्यक्ष सनातन पिंगुवा ने नई शिक्षा नीति की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को शिक्षा से वंचित करने वाली है और इससे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक इंटरमीडिएट की पढ़ाई पुनः शुरू नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो छात्र राजभवन तक मार्च करेंगे।
इस न्याय यात्रा में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए। प्रमुख रूप से युवा नेता विकास तमसोय, प्रीतम बांकीरा, अनुज पूर्ति, वीर सिंह बालमुचू, अनीश गोप, मोटाय कोंडान्केल, रोहित सिंकु, शिव शंकर बेहरा, और पूजा ईचागुटू सहित हजारों की संख्या में युवाओं ने शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
छात्र संगठनों ने दो टूक कहा कि सरकार यदि शिक्षा के साथ समझौता करेगी, तो उन्हें जनसड़कों पर उतर कर जवाब देना आएगा।