पाकुड़ कोर्ट में विशेष मध्यस्थता अभियान का आगाज़, लंबित मामलों के निपटारे पर रहेगा फोकस
न्यूज़ लहर संवाददाता
पाकुड़। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA) के निर्देश पर सोमवार से पाकुड़ व्यवहार न्यायालय में 90 दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान की शुरुआत की गई। यह अभियान 1 जुलाई से 30 सितंबर तक चलेगा, जिसका उद्देश्य न्यायालयों में लंबित मामलों का त्वरित समाधान करना और मध्यस्थता की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
अभियान का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष शेष नाथ सिंह की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर न्यायालय कॉन्फ्रेंस हॉल में सभी न्यायिक पदाधिकारियों, न्यायालय लिपिकों एवं मध्यस्थ अधिवक्ताओं के साथ बैठक आयोजित की गई। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि यह राष्ट्रव्यापी अभियान NALSA और सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (MCPC) की पहल है। इसके तहत जिला, अनुमंडल और उच्च न्यायालयों में लंबित उपयुक्त मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान दुर्घटना दावा, घरेलू हिंसा, चेक बाउंस, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी मामले, आपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, विभाजन, बेदखली, भूमि अधिग्रहण तथा अन्य सिविल और राजस्व प्रकरणों का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा। कोई भी पक्षकार अपने लंबित मामलों के निपटारे के लिए संबंधित न्यायालय में आवेदन दे सकता है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि यह अभियान समाज के हर वर्ग के लिए न्याय सुलभ कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो लंबे कानूनी प्रक्रिया से जूझ रहे हैं।
बैठक में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुधांशु कुमार शशि, अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम कुमार क्रांति प्रसाद, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजीत कुमार चंद्रा, सचिव रूपा बंदना किरो, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल मांझी, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सदिश उज्जवल बेक, प्रभारी न्यायाधीश विजय कुमार दास समेत सभी न्यायालय कर्मी और मध्यस्थ अधिवक्ता उपस्थित थे।