सदर अस्पताल चाईबासा की सफाई व्यवस्था में लापरवाही, भाजपा नेता ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन* *बदबूदार पानी, जाम नालियां और टूटी पाइपलाइन से मरीजों का जीना दुश्वार*

चाईबासा: सदर अस्पताल चाईबासा की बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। मंगलवार को भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने उपायुक्त, पश्चिम सिंहभूम को एक लिखित आवेदन सौंपते हुए अस्पताल की सफाई व्यवस्था में बरती जा रही घोर लापरवाही की शिकायत की है।
हेमन्त केशरी ने अपने आवेदन में लिखा है कि चाईबासा सदर अस्पताल पूरे जिले और आसपास के ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए प्रमुख जीवनदायिनी स्वास्थ्य केंद्र है, जहां गरीब जनता इलाज के लिए आती है। झारखंड राज्य गठन के बाद सरकार द्वारा इस अस्पताल में कई स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं, जिसमें स्वच्छता भी एक अहम पहलू है। परंतु वर्तमान में सफाई कार्य को अंजाम देने वाली आउटसोर्स एजेंसी अभिनव इंडिया, जमशेदपुर द्वारा किए जा रहे कार्य में गंभीर लापरवाही सामने आई है।
हेमन्त केशरी ने बताया कि मंगलवार को वह निजी कार्यवश जब अस्पताल के ओपीडी पहुंचे, तो देखा कि पूरे बरामदे में कीचड़युक्त और बदबूदार पानी फैला हुआ था। इसी रास्ते से सैकड़ों मरीज आ-जा रहे थे। पूछताछ करने पर पता चला कि लेबर रूम के शौचालय का गंदा पानी नीचे बह रहा है। सफाईकर्मियों ने बताया कि पाइपलाइन फट गई है और उसकी मरम्मत का जिम्मा एजेंसी का है, लेकिन एक महीने से कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनके हस्तक्षेप के बाद सफाईकर्मियों ने उस गंदगी को हटाया और पंखे से बरामदे को सुखाया।
केशरी ने अपने आवेदन में सवाल उठाया है कि जब एजेंसी के साथ करोड़ों रुपये का वार्षिक अनुबंध किया गया है, तो इस तरह की लापरवाही क्यों हो रही है? उन्होंने यह भी कहा कि यह अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि वह समय-समय पर अनुबंध के अनुरूप काम की निगरानी करे और कार्य की पुष्टि के बाद ही भुगतान किया जाए।
पूर्व शिकायत पर हुई थी कार्रवाई
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व में उन्होंने अस्पताल में मरीजों को तय मीनू के अनुसार अंडा और दही नहीं मिलने की शिकायत की थी, जिस पर प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मरीजों को उचित भोजन उपलब्ध कराया गया था।
आवेदन में उन्होंने मांग की है कि सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आउटसोर्स एजेंसी से कार्य की पुष्टि के बाद ही भुगतान किया जाए। साथ ही डीएमएफटी फंड से दो नए अस्पताल प्रबंधकों की नियुक्ति की जाए, ताकि अस्पताल में साफ-सफाई और अन्य जरूरी कार्यों की निगरानी प्रभावी ढंग से हो सके। वर्तमान में कार्यरत अस्पताल प्रबंधक का वेतन भी डीएमएफटी फंड से ही दिया जा रहा है।
हेमन्त केशरी ने विश्वास जताया है कि पूर्व की तरह इस बार भी उपायुक्त इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करेंगे, ताकि मरीजों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।